बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बाल विवाह का मामला सामने आया है। बिलासपुर जिले के पचपेड़ी थाना क्षेत्र में एक 16 साल की नाबालिग की शादी 18 वर्षीय किशोर से हो रही थी। जिला बाल संरक्षण इकाई तक यह बात पहुंची तो पुलिस के साथ टीम पहुंची और शादी को रुकवाया। पुलिस व विभाग की टीम के देखकर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया लेकिन पुलिस ने कार्रवाई की बात की तो सभी शांत हो गए। महिला एवं बाल विकास विभाग के हस्तक्षेप के बाद शादी रुक गई है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना ग्राम सोन लोहर्सी की है। यहां पर16 साल की लड़की की शादी तय कर दी गई। रविवार रात को बारात का इंतजार किया जा रहा था। खासबात यह है कि दूल्हा की उम्र भी 18 साल है। देश में विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 व लड़के की उम्र 21 वर्ष तय है लेकिन यहां पर सब उल्टा हो रहा था। जिला बाल संरक्षण इकाई को इसकी जानकारी मिली।
इसके बाद बाल सरंक्षण इकाई पुलिस की एक टीम लेकर सीधे शादी समारोह स्थल पर पहुंची। टीम ने वैवाहिक रस्मों को रुकवाया और दुल्हन का आधार कार्ड मंगवाया गया। यह देख परिजन काफी आक्रोशित हो गए। दो परिवार आपसी सहमति से विवाह करा रहे हैं तो किसी को क्या आपत्ति है। लेकिन पुलिस व बाल सरंक्षण विभाग की टीम ने किसी की एक नहीं सुनी। आधार कार्ड के अनुसार लड़की की उम्र महज 16 वर्ष थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई का डर दिखाया और शादी रुकवा दी। इसके बाद परिजनों से शपथ पत्र भरवाया गया कि इन दोनों की शादी तय उम्र के बाद ही की जाए। नाबालिग की शादी का प्रयास व बाल सरंक्षण विभाग की कार्रवाई का आसपास चर्चा का विषय बना हुआ है।
