नई दिल्ली (एजेंसी)। जेंडर डिस्फोरिया से पीडि़त उत्तर प्रदेश की 34 वर्षीय महिला जेंडर बदलवाकर पुरुष बन गई है और उसने अपनी महिला साथी से शादी भी कर ली है। होश संभालने के बाद से ही वह खुद को पुरुष मानती थी। इस दुविधा से खुद को मुक्त करने के लिए उसने करीब छह साल पहले अपना जेंडर बदलवाने का फैसला किया। इस बीच उसके शरीर के अलग-अलग अंगों की सर्जरी की गई। छह सप्ताह पहले उसके शरीर का आखिरी अंग बदला गया। चिकित्सकों का कहना है कि इसके बाद उसको निगरानी में रखा गया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
चिकित्सकों का कहना है कि बीते छह सालों से उसके अलग-अलग अंगों की सर्जरी चल रही है। 2016 से उसने पुरुष हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी करवाई थी। 2017 व 2019 में स्त्रीत्व से जुड़े शरीर के अंदर के अंगों को हटाया गया। जबकि सर्जरी से उसमें शुरू से पुरुष की तरह सभी लक्षण थे। पुरुष की तरह उसे भी दाढ़ी, छाती पर बाल आते थे। उसकी आवाज भी पुरुषों की तरह भारी थी और उसका व्यवहार भी पुरुषों की तरह था।
सर गंगा राम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. भीम सिंह नंदा ने बताया कि इस सबके बाद वह दो महीने पहले 34 वर्षीय महिला अस्पताल में जेंडर बदलवाने आई।
जांच के बाद पाया गया कि महिला होने के बाद भी मानसिक रूप से वह पुरुष थी। इसे जेंडर डिस्फोरिया कहा जाता है। वह पिछले छह साल में कई सर्जरी करवा चुकी थी। नंदा के मुताबिक, महिला के कहने पर टिश्यू ट्रांसफर के आधुनिक माइक्रो-सर्जिकल तकनीक से महिला के हाथ से पुरुष का प्राइवेट पार्ट बनाया गया। इसको के लिए हाथ और कलाई (फोरआर्म) को डोनर के रूप में चुना। इसे तैयार करने के बाद महिला के प्राइवेट पार्ट की जगह इसे प्रत्यारोपित किया गया। डॉ. नंदा ने कहा कि इसके बाद मूत्र नली से जोडऩा और उसमें रक्त के प्रवाह को फिर से शुरू करने के लिए धमनियों को जोडऩा बड़ी चुनौती थी। करीब 8 घंटे चली सर्जरी के बाद यह सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। सर्जरी के छह सप्ताह बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ है।