भोपाल। 38 साल पहले भोपाल में एक गैस कांड हुआ था जिसे याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वैसा ही एक और कांड होते-होते बचा। दरअसल बुधवार की रात को भोपाल के मदर इंडिया कॉलोनी की बस्ती में क्लोरीन गैस लीक होने से हड़कंप मच गया। अचानक लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने के साथ ही आंखों में जलन होने लगी। दहशत के मारे लोग सड़कों पर पहुंच गए। सूचना मिलने के बाद निगम प्रशासन ने मोर्चा संभाला और गैस लीकेज रोकने के लिए सिलेंडर को पानी में डाल दिया। एहतियातन प्रशासन ने क्षेत्र में पानी सप्लाई भी रोक दी।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार रात को लोग अपने घरों में त्योहार की खुशियां मनाने में व्यस्त थे। तभी अचानक लोगों को सांस लेने की तकलीफ होने लगी। आंखों में भी जलन होने लगा। इसी सूचना मिलने पर मौके पर निगम अमला व कलेक्टर पहुंचे। जांच के दौरान पता चला कि क्षेत्र में क्लोरीन गैस लीक हो रही है। नगर निगम की टीम को जांच के बाद पता चला कि क्लोरीन गैस का लीकेज बस्ती के पास ही बने वाटर फिल्टर प्लांट से हो रहा है। प्लांट में लगे करीब 900 किलोग्राम के सिलेंडर का नोजल खराब हो गया था जिसके कारण गैस लीक हो रही थी।
नगर निगम की टीम ने गैस लीकेज रोकने के लिए गैस सिलेंडर को क्रैन की मदद से पानी में डाल दिया। इसके बाद 5 किलो कास्टिक सोडा डालकर गैस लीकेज को बंद किया गया। इस दौरान बस्ती के तीन लोगों को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी, जिन्हें इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। घटना के बाद अब एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने प्रभावित इलाके में गुरुवार को भी पानी की सप्लाई रोक दी गई। इधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
38 साल पहले हुआ था भोपाल गैस कांड
बता दे भोपाल में गैस लीकेज से लोग इसलिए भी दहशत में थे क्योंकि यहां पर 38 साल पहले भी ऐसी ही एक घटना हुई जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। 2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात हुई गैस त्रासदी की घटना में हजारों लोगों की जान चली गई थी। उस समय अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हो गया था। इस हादसे में भोपाल के काजी कैम्प, जेपी नगर और उसके आसपास के इलाके के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।