भिलाई। एमजे कालेज फार्मेसी विभाग के प्राचार्य विजेन्द्र सूर्यवंशी को छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने पीएचडी प्रदान की है। सूर्यवंशी ने ड्रग डिलिवरी की नई तकनीक ईजाद की है जिसमे गौ-घृत का उपयोग रक्त में वसा की मात्रा को नियंत्रित करने की औषधि में प्रयुक्त होगा। यह शोध हाईपर-लिपिडिमिक रोगियों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की दिशा में सहायक सिद्ध होगी।
सूर्यवंशी ने अपना शोधकार्य डॉ चंचलदीप कौर, प्राचार्य रूंगटा फार्मेसी कालेज, रायपुर एवं डॉ सुहास नारायण साकरकर, प्राचार्य फार्मेसी जीएच रायसोनी यूनिवर्सिटी के निर्देशन में पूरा किया। इस शोध कार्य में शासकीय कन्या पॉलीटेक्नीक रायपुर के फार्मेसी विभाग के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ खोमेन्द्र कुमार सार्वा का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
रक्त में मुख्य दवा की सही मात्रा को पहुंचाना एक बड़़ी चुनौती होती है। जल में अघुलनशील दवाओं के मामले में यह और भी कठिन हो जाता है। रोजुवास्टैटिन इसी श्रेणी की एक दवा है। यह दवा शरीर से अवांछित वसा को कम करती है. श्री सूर्यवंशी ने डेवलपमेन्ट ऑफ ड्रग फार्मूलेशन विथ क्लैरिफाइड बटर फॉर इम्प्रूविंग ड्रग परमिएशन कैरेक्टरिस्टिक शीर्षक के अपने शोध के तहत गाय के घी का शोधन कर एक नया फार्मूला तैयार किया है। इस नवाचार प्रयोग का उद्देश्य मुख्य दवा के बायो-अवेलेबिलिटी को बढ़ाना था। यह शोध परिणाम तीन अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर, एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन एवं स्टाफ के सभी सदस्यों ने डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.