भिलाई. छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर उनसे स्थानीय निवासियों की परिभाषा में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के प्रदेश में पदस्थ कार्मिकों को सम्मिलित करने की मांग की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 10 अक्टूबर को जारी किए आदेश के संदर्भ में यह मांग की है। इस आदेश में छत्तीसगढ़ में स्थित केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के कार्मिकों को सम्मिलित नहीं किया गया है।
नहीं दिया स्थानीय निवासी का दर्जा
पूर्व मंत्री पाण्डेय ने अपने पत्र में बताया कि भिलाई सहित छत्तीसगढ़ के सेल, आरआईएनएल, एनटीपीसी, मैकॉन, एनएमडीसी, एचएससीएल आदि सार्वजनिक उपक्रम के संयंत्र स्थापित हैं। शासन द्वारा 10 अक्टूबर को स्थानीय निवासियों की परिभाषा के लिए एक पत्रक जारी किया गया है जिसके अनुसार राज्य शासन के अधीन स्थापित संस्थाओं या निगम, मंडल, आय़ोग में पदस्थ पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मतारी तथा उनकी पत्नी/पति, संतान को छत्तीसगढ़ स्थानीय निवासी की परिभाषा में सम्मिलित किया गया है।

इसलिए की मांग
केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के कार्मिकों को इसमें सम्मिलित नहीं किया गया है। पाण्डेय ने मुख्यमंत्री से पत्र के माध्यम से केंद्रीय उपक्रमों के कार्मिकों को जो कि छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों से अधिक समय से निवासरत हैं, को भी राज्य के स्थानीय निवासियों की परिभाषा में सम्मिलित करने हेतु आदेश जारी करने मांग की है।
