श्रीकंचनपथ डेस्क। एक ओर पूरा देश महात्मा गांधी की जयंती मना रहा था और इस बीच एक दुर्गा पूजा पंडाल में महिषासुर की जगह महात्मा गांधी की चेहरा लगाने पर बवाल मच गया। मामला उत्तर 24 परगना जिला के टीटागढ़ थाना क्षेत्र का है। यहां पर दुर्गा पूजा आयोजन समिति ने मां दुर्गा के त्रिशुल के नीचे महिषासुर की जगह महात्मा गांधी जैसा दिखने वाले चेहरे का असुर को बिठाया। इस मामले में स्थानीय कांग्रेस नेता की शिकायत पर टीटागढ़ पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आयोजकों ने चेहरा बदला।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा पंडाल में महिषासुर की जगह महात्मागांधी जैसा दिखने वाला चेहरा लगाया गया। गांधी जयंती के दिन इस विवाद ने तूल पकड़ा। पंचमी के दिन से यहां पर माता की प्रतिमा के साथ असुर के रूप में महात्मा गांधी को दिखाया गया। यहां के कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने इस मामले में संज्ञान लिया औश्र आयोजकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस के निर्देश पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मूर्ति का रूप बदल दिया।
महात्मा गांधी को लेकर आयोजकों का बवाली बयान
महात्मा गांधी के जैसा दिखने वाला चेहरा लगाने के पीछे आयोजकों ने भी अपना तर्क दिया। पुलिस को दिए अपने बयान में आयोजन समिति अखिल भारतीय हिंदू महासभा पदाधिकारियो ने वे गांधी को असली असुर के तौर पर देखते हैं। इस दौरान आयोजकों ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार गांधी को हर जगह से हटा दें और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के नाम आगे रखें।

आयोजकों ने यह भी कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। जैसे ही पुलिस ने हस्तक्षेप किया उसे बदल दिया गया। इधर इस मामले में टीएमसी व भाजपा नेताओं ने आयोजकों के इस कृत्य की निंदा की है। टीएमसी नेताओं ने इसके लिए भाजपा पर निशाना साधा है। इस तरह का कृत्य राष्ट्रपिता का अपमान है और इसके लिए भाजपा की केन्द्र सरकार की विचारधारा जिम्मेदार है। वहीं बंगाल के भाजपा नेताओं ने भी महात्मा गांधी के अपमान की निंदा की है।