भिलाई। क्या आपने कभी ऐसा नेशनल हाइवे देखा है जहां वाहनों को दौड़ाना तो दूर चलाया भी नहीं जा सकता बल्कि कीड़ों मकोड़ों की तरह रेंगते हुए देख सकते हैं। ऐसी सड़क देश किसी भी कोने में नहीं मिलेगी लेकिन छत्तीसगढ़ में देखने को मिल जाएगी। देश भर को फौलादी लोहा देने वाली इस्पात नगरी से होकर गुजरने वाली नेशनल हाइवे की हालत इन दिनों ऐसी ही हो गई है। शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाली इस सड़क पर इतने गड्ढें हैं कि इनकी गिनती करना भी काफी मुश्किल है।
दरअसल नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा शहर के चार प्रमुख चौराहों पर फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके कारण सुपेला से लेकर कुम्हारी तक जहां जहां फ्लाईओवर को निर्माण किया जा रहा है वहां पर सड़क की हालत ऐसी हो गई है कि वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है। इनमें से कुम्हारी व सुपेला की फ्लाईओवर को एक ओर से शुरू कर दिया गया तो छोटे वाहन चालकों की दिक्कतें कम हुई है। लेकिन खुर्सीपार का डबरा पारा चौक व भिलाई पावर हाउस में वाहन चालकों को साक्षात नर्क के दर्शन हो रहे हैं।
डबरापारा चौक के हालात सबसे बदतर
नेशनल हाइवे पर सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति कहीं की है तो वह है डबरापारा चौक की। यहां पर दोनों ओर से सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है। यहां के हालात ऐसे हैं कि देखना भी मुश्किल है। खुर्सीपार थाने से शुरू होकर डबरा पार करते तक लोगों को यहां दिन भी तारे नजर आते हैं। यहां पर लगभग 600 मीटर की सड़क पर इनते सारे गड्ढें हैं कि लोगों की गाड़ियां नहीं चल पाती है। इसकी वजह से रोज जाम के हालातों का सामना करना पड़ता है।
रोज होता है मौत से सामाना
डबरा पारा चौक पर सड़क की जो हालत है उसे देखकर कहा जा सकता है के यहां से गुजरने वालों का रोज ही मौत से सामना होता है। हिचकोले खाते वाहन ऐसे लगते हैं जैसे कि कभी भी पलट जाए। इन वाहनों से सटकर निकलने वाले दोपहिया वाहन चालकों को हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं से कोई भारी वाहन उन्हें अपनी चपेट न लेले। इस चौक से जिंदा बचकर निकल गए तो वे बड़े ही खुशकिश्मत हैं क्योंकि यहां के हालात ही ऐसे बन गए हैं।
नेताओं ने बदल दिया है अपना रास्ता
वीवीआईपी जिले से मंत्री व विधायकों जमावड़ा लगा रहता है। दुर्ग जिले से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, गुरु रुद्र कुमार सहित विधायक अरुण वोरा, विधायक देवेन्द्र यादव आदि का सीधा संबंध है। खराब व जर्जर सड़क के कारण नेता व जनप्रतिनिधियों ने अपना रास्ता बदल दिया है। रायपुर से दुर्ग के लिए अब यह नेता अमलेश्वर से पाटन-उतई का रास्ता इस्तेमाल करते हैं। इसके पीछे की वजह भी साफ है क्योंकि इन्हें जर्जर सड़क जो नहीं देखनी है।
एनएचएआई की गैरजिम्मेदाराना रवैय्या
मानसून शुरू होने के पहले से हाइवे पर जहां जहां फ्लाईओवर बन रहे हैं वहां की सड़कें खराब हैं। इसके बाद भी एनएचएआई ने गैर जिम्मेदाराना रवैय्या अपनाया हुआ है। सड़क का काम करने के बजाय जिम्मेदार अफसरों ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। लोगों की हो रही समस्या अफसरों को नहीं दिख रही है शायद यही वजह है कि अब तक सड़कों का की मरम्मत नहीं हो पाई है। खास बात यह है कि एनएनएआई के अफसर भी इसी रास्ते से गुजरते हैं।
बारिश थमने पर शुरू करेंगे काम
नेशनल हाइवे पर बारिश के कारण कई जगह पर सड़के खराब हो गई है। बारिश थमने के बाद सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। हमारा फोकस 10 अक्टूकर तक है और देख रहे हैं कि बारिश पूरी तरह थम जाए। बीते कुछ दिनों काफी बारिश हुई है और इसके कारण सड़के और ज्यादा खराब हुई हैं। सभी सड़कों को बनाया जाएगा। बारिश थमने के बाद सबसे पहले डबरापारा चौक के दोनों ओर लगभग 600 मीटर की सड़क को बनाया जाएगा। इसके साथ ही सभी चौराहों पर सड़क की मरम्मत होगी।
-अभीजीत सोनी, जेई, एनएचएआई, रायपुर डिवीजन