श्रीकंचनपथ, डेस्क। राजस्थान का सियासी संकट अभी टला नहीं है। गुरुवार को सोनिया गांधी से मिलने के बाद गहलोत ने जो बयान दिया है उससे तो यही लग रहा है। करीब डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जब बाहर निकले तो उन्होंने एलान किया कि वे अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ की उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में सीएम को लेकर भी अब निर्णय पार्टी अलाकमान को लेना है।
बता दें राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा किए जाने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। लेकिन इस बीच एक व्यक्ति एक पद की बात आई तो मामला फंसने लगा। अशोक गहलोत सीएम पद का मोह त्याग नहीं पा रहे थे और इस वजह से काफी किरकिरी भी हुई। अब अध्यक्ष के चुनाव में दिग्विजय की एंट्री हो गई और अब पूरा फोकस भी उन्ही पर है।
बड़ा सवाल क्या बदलेगा राजस्थान का सीएम
सोनिया से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों में जो भी हुआ उसके लिए वे काफी दुखी हैं, वे काफी आहत हुए हैं। इसके लिए गहलोत ने सोनिया गांधी को माफीनामा भी दिया है। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद वे बोले कि बीते 50 वर्षों से कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं। इंदिरा गांधी के समय से वे कांग्रेस के वफादार रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी निभाई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना राजस्थान में हुई है उससे देश में यह मैसेज गया कि गहलोत सीएम बने रहना चाहते हैं। हालांकि अब कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। गहलोत ने कहा है कि राजस्थान वे सीएम बने रहेंगे या कोई दूसरा सीएम बनेगा इसका निर्णय आलाकमान को करना है।