दुर्ग. संभाग स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन बीआईटी ऑडिटोरियम में सोमवार को हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक अरुण वोरा उपस्थित थे। अपने संबोधन में विधायक ने कहा कि जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने पिछले वर्ष जनजातीय नृत्य महोत्सव का आयोजन रायपुर में किया। इस आयोजन में न केवल लोगों ने देश विदेश के जनजातीय नृत्य देखे अपितु छत्तीसगढ़ में प्रचलित जनजातीय नृत्यों का सुंदर नमूना भी देखा।
प्रतिभागियों ने जीता मन
वोरा ने कहा कि इस तरह का बड़ा मंच प्रदान करने से इन प्रतिभाओं को आगे आने में मदद मिलती है। साथ ही दुनिया भर को पता लगता है कि कितनी अद्भुत प्रतिभाएं हमारे प्रदेश में हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी रिवेंद्र यादव ने कहा कि नृत्य तो सुंदर थे ही, इनके साथ ही आदिवासी वेशभूषा में जिस तरह श्रृंगार किया गया वो देखने लायक था। चटख रंगों के वस्त्रों और उनके सुंदर विन्यास के साथ आये इन प्रतिभागियों ने सचमुच ही मन जीत लिया।

लोक कलाकारों को मंच देना उद्देश्य
अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मिनी भोई कार्यक्रम में आए सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और उनकी नृत्य विधा के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास प्रियंवदा रामटेके ने विस्तार से कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप हमारे लोकधरोहरों को सुरक्षित रखने के लिए इसे निरंतर प्रोत्साहित करना आवश्यक है। आज जिस तरह से संभाग के सभी जिलों से आए लोककलाकारों ने प्रस्तुति दी है उससे यह उद्देश्य पूरा होता दिख रहा है।
