सरगुजा. सरगुजा संभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां जलसंसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन इंजीनियर ने करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया। शिकायत के बाद प्रभारी कार्यपालन इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में भू-अर्जन की प्रक्रिया से जुड़ा है। जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता-ईई संजय कुमार ग्रायकर ने योर सेल्फ चेक के जरिए 8 करोड़ 67 लाख रुपए का फर्जी भुगतान व्यक्तिगत खाते में किया है।
फर्जी भुगतान का किया जिक्र
अप्रैल 2022 तक संजय कुमार ग्रायकर रामानुजगंज में ही एसडीओ हुआ करते थे। स्थानीय नेताओं की सिफारिश पर मई 2022 में ग्रायकर को कार्यपालन अभियंता का प्रभार दे दिया गया। उसके बाद से इस अधिकारी ने भू-अर्जन का पैसा विभिन्न फर्मों के व्यक्तगत खाते में योर सेल्फ चेक के जरिए डालना शुरू किया। विभाग ने निलंबन आदेश में 8 करोड़ 67 लाख रुपए के फर्जी भुगतान का जिक्र किया है।
मुख्यमंत्री ने किया निलंबित
भेंट-मुलाकात के लिए रामानुजगंज पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सनावल गांव की चौपाल में यहीं के एक कार्यपालन अभियंता उमा शंकर राम को निलंबित करने का निर्देश दिया था। विभाग ने उसी दिन उसे निलंबित कर दिया। शिकायत थी कि, कनहर परियोजना के भू-अर्जन के मुआवजा मामले में ईई ने लापरवाही की है। इसकी वजह से प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया। उमाशंकर राम पर पाइप खरीदी घोटाले में शामिल होने का भी आरोप है।