पीडि़त ग्रामीण को शिकायत वापस लेने के लिए धमकी दे रहें है जिला अधिकारी?
सिर्फ दो वर्षो में करोड़ों की कमाई कर चुका है झोलाछाप डॉक्टर, गर्भपात, भु्रण परीक्षण जैसे गैर कानूनी कार्यो की पुलिस और जिला अधिकारी के संरक्षण में दे रहा है अंजाम
कवर्धा। जिला सहित पूरे छत्तीसगढ़ के भीतर झोलाछाप डॉक्टरों ने अपना वर्चस्व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कायम कर लिया है। उनकी पैठ इतनी मजबूत है कि अब डिग्रीधारी डॉक्टर भी उनसे अपने नर्सिंग होमों में उनकी सेवाएं ले रहें है। जहां एक साधारण झोलाछाप डॉक्टर द्वारा डिग्रीधारी डॉक्टरों के सानिध्य में कई बड़े आपरेशन गर्भपात और भु्रण परीक्षण जैसे गैर कानूनी कार्यो को अंजाम देने में जरा भी नहीं हिचक रहें है। फिर यही झोलाछाप डॉक्टर अपने अनुभवों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अपना निजी दवाखाना खोल ग्रामीण मरीजों के जिंदगी से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं हिचकते है। एक मोटी आवक को ध्यान में रखकर झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गर्भपात जैसे गैरकानूनी कार्यो को बिना किसी खौफ के खुलेआम संचालित करते है और यही एक उनके आय का मजबूत जरिया होता है।
ज्ञात हो कि जिले के भीतर अब तक एैसे कई दर्जनों झोलाछाप डॉक्टरों का पर्दाफाश हो चुका है जिन्होंने बिना किसी लायसेंस व अधिकार पत्र के दवाखाना खोलकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पैठ जमा चुके है और यहां फिर वे उन सभी चिकित्सा पद्धति को ग्रामीणों पर लागू करते है जो एक बड़े से बड़े डिग्रीधारी डॉक्टर सघन चिकित्सा को अंजाम देने में हिचकते है परन्तु अपने अनुभवों का गलत इस्तेमान कर रहे झोलाछाप डॉक्टर किसी भी बड़े आपरेशन को अंजाम देने में जरा नहीं हिचकते।
बिना डिग्री संचालित कर रहे दवाखाना
एैसे ही कई गैरकानूनी कार्यो को अंजाम देने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही कर जेल के सलाखों के पीछे भेजा था। परन्तु आज भी एैसे डॉक्टरों की भरमार जिले के भीतर ग्रामीण क्षेत्रों में देखी जा सकती है। एक एैसे ही झोलाछाप डॉक्टर की जानकारी देते हुए कल्याण सिंह ठाकुर, कवर्धा निवासी ने बताया कि प्रकाश दास मानिकपुरी एक साधारण बिना डिग्रीधारी डॉक्टर है जो कि कवर्धा के समीप उडिय़ाखुर्द से लगभग 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दनिया-बनिया नामक एक छोटे से गांव में दवाखाना खोलकर अपने गैरकानूनी कार्यो को खुलेआम संचालित कर रहा है। इस डॉक्टर के हौसले इसलिए बुलंद है कि वह सहसपुर थाना के लगभग सभी पुलिस कर्मियों को खरीदकर अपने गैरकानूनी कार्य को अंजाम दे रहा है। प्रकाशदास के द्वारा अपने गर्भपात, भू्रण हत्या जैसे गैरकानूनी कार्यो के बदौलत सिर्फ दो वर्षो में करोड़ों की कमाई कर अकूत दौलत बना चुका है। जहां लाखों रूपए की उसकी अपनी चल -अचल सम्पत्ति उडिय़ाखुर्द के आसपास मौजूद है, वहीं अपनी ऊंची पहुंच के बलबूते पर कई गैरकानूनी कार्यो को अंजाम दे रहा है। मामले की शिकायत करने पर जिला अधिकारियों द्वारा मामले की शिकायत करने पर प्रकाश दास को इस तरह तवज्जो दिया जाता है कि मानों वह सात खून माफी का अमृत पीकर आया हो। जांच के दौरान जांच अधिकारी एक मोटी रकम के आवक को ध्यान में रखकर उसे बड़ा आश्वासन दे देते है कि पीडि़त व्यक्ति डॉक्टर के खिलाफ कोई और शिकायत नहीं कर पाता। जांच अधिकारियों का आदेश होता है कि उनके रहते तक उसे परवाह करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जांच हमेशा उन्हें ही करना है?
मेडिकल की भी नहीं है लायसेंस
अधिकारियों के एैसी भावनाओं और आश्वासन को देखकर एैसा लगता है कि प्रकाश दास का पूरा गैरकानूनी दवाखाना सरकारी संरक्षण में ही संचालित हो रहा है। पीडि़त कल्याण सिंह ठाकुर ने आर्थिक अपराध शाखा रायपुर, स्वास्थ्य मंत्री छ.ग. शासन, पुलिस अधीक्षक कवर्धा, जिलाधीश कवर्धा और जिला चिकित्सक प्रमुख कवर्धा को लिखित शिकायत कर डॉक्टर प्रकाशदास मानिकपुरी के द्वारा संचालित किए जा रहे गैरकानूनी कार्य और बिना लायसेंस के संचालित दवाखाने की जांच कार्यवाही की मांग की है। अपने लिखित आवेदन का विवरण देते हुए कल्याण सिंह ठाकुर ने बताया कि कवर्धा जिला क्षेत्र थाना सहसपुर लोहारा के समीप उडिय़ाकला गांव में निवासरत् डॉक्टर प्रकाशदास मानिकपुरी द्वारा पिछले दो वर्षो से अपने डॉक्टरी जैसे जनसेवा कार्य को बिना लायसेंस और मनमानी तौर पर अंजाम दे रहा है। लोगों के बीच कम कीमत की दवाईयों को बेचकर एक तरह से लूटपाट मचा रखा है। प्रकाशदास मानिकपुरी जो कि न तो उच्च शिक्षा प्राप्त डॉक्टर है और न ही इसके पास डॉक्टरी करने का कोई लायसेंस है। इसके बावजूद दो-तीन वर्षो से दनिया बनिया नामक गांव में दवाखाना और उडिय़ाकला में दुबे मेडिकल स्टोर के नाम से मेडिकल स्टोर खोलकर भोले-भाले क्षेत्रीय ग्रामीणों के बीच लूटपाट मचा रखा है। डॉक्टर प्रकाशदास मानिकपुरी द्वारा बिना लायसेंस के भु्रण हत्या, लिंग परीक्षण, अवैध गर्भपात और कई मरीज के जान जोखिम में डालने वाले ऑपरेशन को अपने दवाखाना और मरीजों के घर में हजारों, लाखों रूपए वसूल कर अवैध कमाई कर रहा है। अपने संचालित मेडिकल स्टोर्स में गुणवत्ताविहीन दवाई खुलेआम बेंच रहा है। इलाज के दौरान इन्ही दवाओं को ऊंची कीमत में बेंच दी जाती है। जैसे साधारण एक ग्लूकोस बॉटल को मरीज को चढ़ाने पर 5 हजार से लेकर 10 हजार रूपए तक डॉक्टर प्रकाशदास द्वारा वसूल लिए जाते है। गर्भपात, भु्रण हत्या, लिंग परीक्षण जैसे प्रतिबंद्धित गैरकानूनी कार्य को वह बेधड़क होकर संचालित करते हुए मरीजों से तीस से पैंतीस हजार रूपए लिए जाते है। सबसे ज्यादा कमाई इन्ही तीनों गैर कानूनी कार्यो के माध्यम से डॉक्टर द्वारा किए जा रहें है। आसपास के गांवों में डॉक्टर प्रकाश ईलाज के नाम पर मरीजों को गुमराह कर अपने गैरकानूनी कार्य को संचालित कर रहा है। पिछले वर्ष 2018 में दो मासूम बच्चियों और एक बुजूर्ग व्यक्ति की गलत दवाई और इंजेक्शन देने के कारण मौत हो गई थी। इसकी शिकायत 11 जुलाई 2019 को परिवार के लोगों द्वारा लोहारा थाना में की गई थी। जहां पुलिस वाले डॉक्टर प्रकाश को गिरफ्तार करने के बजाए डेढ़ लाख रूपए में लेनदेन कर मामले को दबा दिया गया। इसलिए महोदय जी इस मामले की जांच लोहारा पुलिस से न करवाएं।
दलदली क्षेत्र में भी अपने गैर कानूनी कार्य को दे चुका है अंजाम
डॉक्टर प्रकाशदास ने इसके पहले बोड़ला ब्लाक के सिंघारी, पचराही, दलदली क्षेत्र में अपने इसी गैरकानूनी डॉक्टरी कार्य को कर रहा था। इलाज के नाम पर आदिवासी महिलाओं की इज्जत में हाथ डालकर कई औरतों को बर्बाद किया। शादी का आश्वासन देकर एक आदिवासी महिला से अवैध संबंध बनाए रखा। मामला जब उजागर हुआ तब महिला के परिवार वालों ने शादी के लिए दबाव डाला परन्तु यहां डॉक्टर प्रकाशदास द्वारा महिला के परिवार के लोगों को सात लाख रूपए देकर मामले को रफा दफा करवाया और उस घटना के बाद 2015-16 से उडिय़ा क्षेत्र में अपने डॉक्टरी के कार्य को कर रहा है। इसके अवैध कमाई का अंदाजा दो वर्ष में बनाई गई चल-अचल सम्पत्ति (12 तोला जेवर, उडिय़ा में लाखों रूपए की जमीन, कार, मोटरसाइकिल, बच्चों की पढ़ाई में प्रति माह हजारों रूपए का ,खर्चा, मेडिकल स्टोर्स का संचालन आदि) से लगाया जा सकता है। लाखों रूपए के कर्जे से छुटकारा इन्ही दो वर्षो के भीतर किया गया है। आदिवासी महिला को सात लाख रूपए और लोहारा पुलिस को डेढ़ लाख रूपए चिटफंड कंपनी के पीडि़तों को लगभग 4 लाख रूपए प्रकाशदास द्वारा भुगतान किए गए है। आखिरकार एक साधारण डॉक्टर द्वारा इतनी बड़ी कमाई दो-तीन वर्षो के भीतर कैसे कर सकता है। अवैध और गैरकानूनी कार्यो के बिना इतनी बड़ी चल-अचल सम्पत्ति लाखों रूपए के लेनदेन संभव नहीं है।
कल्याण सिंह ठाकुर के निवेदन पर जिला प्रशासन सहित छत्तीसगढ़ शासन किस निष्पक्षता और निर्भिकता के साथ प्रकाश दास मानिकपुरी के खिलाफ कार्यवाही करती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, परन्तु कवर्धा जिला क्षेत्र में अपनी पैठ जमा कर बैठे और बिना किसी लायसेंस के दवाखाना संचालित कर बड़े-बड़े गैरकानूनी ऑपरेशनों को अंजाम दे रहे फर्जी या झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार किस हद तक सख्त होती है यह तो जांच कार्यवाही बताएगी।
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