भिलाई. दुर्ग संभाग के कबीरधाम जिले में एक अधेड़ व्यक्ति को मौत के बाद भी अपनों का कंधा नसीब नहीं हुआ। पत्नी रातभर पति के शव के साथ रोती रही लेकिन पूरा गांव मूकदर्शक बना रहा। समाज से बहिष्कृत इस परिवार की पीड़ा देखकर आखिरकार स्थानीय पुलिस ने मदद का हाथ बढ़ाया। मृतक की पत्नी के साथ मिलकर मृतक का रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कराया। दरअसल यह घटना जिले के पांडातराई थाना क्षेत्र के ग्राम बैगाटोला की है। वर्तमान में ग्राम परसवारा में निवासरत रज्जू मेरावी, पिता स्व.बलीराम मरावी(50) की 7 सितंबर को बीमारी के चलते मौत हो गई थी। घर में केवल उनकी पत्नी इंदिरा बाई विश्वकर्मा रहती थी। मृत व्यक्ति के शव के अंतिम संस्कार करने के लिए कोई भी परिजन सामने नहीं आ रहे थे।
पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार
सूचना पर तत्काल थाना पांडातराई प्रभारी जेएल शांडिल्य टीम के साथ ग्राम परसवारा पहुंचे। मृतक के शव का पूर्ण विधि विधान से पत्नी इंदिरा बाई और ग्राम पंचायत परसवारा के सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम कोटवार की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया।
शव लेकर रातभर बिलखती रही पत्नी
पुलिस ने बताया कि रज्जू ने 20 वर्ष पूर्व पहली पत्नी और बच्चों को छोड़कर दूसरी शादी कर ली थी। वह दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा था। इसके कारण उसके समाज के लोगों ने उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था। इस कारण कोई भी मृतक परिवार पक्ष से व उनकी दूसरी पत्नी के माइके पक्ष से उक्त मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए सामने नहीं आ रहे थे। मृतक की पत्नी रातभर गांव में पति के मृत्यु के पश्चात शव रखकर रोती बिलखती रही पर बहिष्कृत होने के कारण कोई भी मदद के लिए सामने नहीं आया।