रायपुर. प्रदेश के निलंबित IPS रजनेश सिंह को हाई कोर्ट (CG High court) के फैसले से तगड़ा झटका लगा है। अपने महत्वपूर्ण फैसले में चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी व जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की डिवीजन बेंच ने कहा है कि राज्य शासन की ओर से उनके निलंबन आदेश को यूनियन पब्लिक सर्विस के नियमों का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से उनके पक्ष में दिए गए फैसले को खारिज कर दिया है। राज्य शासन ने फोन टेपिंग सहित अन्य अनियमितता के आरोप में उन्हें 2019 में निलंबित कर दिया
शासन ने दी थी फैसले को चुनौती
राज्य शासन ने आईपीएस रजनेश सिंह के पक्ष में दिए गए फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कैट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से इस केस में सुनवाई चल रही थी। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने उनके निलंबन आदेश को सही ठहराया और कैट के फैसले को खारिज कर दिया है।
कराई थी फोन टेपिंग
रजनेश सिंह 2017 में एंटी करप्शन ब्यूरो में एसपी रहे। इस दौरान उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों से दस्तावेज में बैक डेट में रिकार्ड दुरुस्त कराया था। इसके साथ ही उन्होंने नियमों की अनदेखी कर आम नागरिकों की फोन टेपिंग कराई थी। इसके माध्यम से जानकारी हासिल कर उसे बतौर साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके अलावा उन पर शासन को गुमराह करते हुए अपने पद और कर्तव्यों का दुरुपयोग करने का आरोप है। इन सभी आरोपों पर राज्य शासन ने विभागीय जांच के आदेश दिए और उन्हें नौ फरवरी 2019 को निलंबित कर दिया।