बाजार में खूब बिके नंदिया बैल और पोरा-जाता, कल होगी पूजा
भिलाई। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व पोला शनिवार को मनाया जाएगा। इसके लिएगांवों सहित शहरी इलाकों में मिट्टी के खिलौने, पोरा-जाता सहित नंदी बैल खरीदने लोगों की खासी भीड़ रही। शनिवार को जहां बच्चे मिट्टी के नंदी बैल दौड़ाते नजर आएंगे तो बेटियां पोरा-जाता खेलकर गृहस्थी को समझेंगी। शुक्रवार को घरों में ठेठरी और खुरमी बनने की शुरुआतभी हो चुकी है। पोला के दिन पोरा जाता की पूजा कर उसमें ठेठरी, खुरमी, चीला, गुलगुला भजिया का भोग लगाया जाता है। वही पूजा के बाद बच्चे नंदी बैल और खिलौने खेलेंगे। छत्तीसगढ़ के इस पारंपरिक त्योहार को लेकर सीएम हाउस में पोला सेलिबे्रशन को लेकरभी विशेष तैयारी की गईहै।

सीएम ने की फोटो पोस्ट
शुक्रवार को ही सीएम भूपेश बघेल ने अपनी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल की ठेठरी बनाने हुए फोटो भी पोस्ट की है। उन्होंने कमेंट में लिखा है कि तीजा पोला की तैयारी उनके घर शुरू हो चुकी है। इस तस्वीर में मुक्तेश्वरी बघेल ठेठरी बनाते हुए दिख रही है। सोशल मीडिया पर यह फोटो भी खूब वायरल हो रही है।

होंगे कई आयोजन
कोविड के दो साल बादशहर के लेकर गांवों में भी पोला पर विशेष आयोजन होंगे। बैलदौड़ के साथही कईपारंपरिक खेलों की प्रतियोगिताएं भी होंगी। घरों में भी नंदी बैल की पूजा होगी।


बेटियां जाएंगी मायके
पोला के दिन से ही बेटियों का मायके जाने का दौर शुरू हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा त्योहार तीजा का होता है और इसे मनाने वे मायके जाती है। इसके लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। यहां 80 वर्ष की उम्र में भी महिलाएं अपने मायके जाती है और उन्हें तीजा के लिए लेने भाई-भतीजे घर आते हैं। पोला के एक दिन पहले से ही बेटियों के मायके जाने की शुरुआत हो चुकी है। मान्यता है कि पोला में बनी ठेठरी-खुरमी साथलेकर बेटी के मायके से पिता या भाई ससुराल आते हैं और बेटी को तीजा के लिए साथ लेकर मायके आते थे।