फेडरेशन की हड़ताल से 53 विभाग में तालाबंदी की स्थिति
भिलाई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल के बाद प्रदेशभर में 53 विभागों में तालाबंदी की स्थिति हो चुकी है। ब्लॉक से लेकर जिला और संभाग मुख्यालय के साथ ही राज्य स्तर पर पंडाल लगाकर बैठे अधिकारी-कर्मचारी 34 प्रतिशत डीए और एचआरए की मांग पर एकजुट हो चुके हैं।हालात यह है कि दफ्तरों में सन्नाटा है और जनता अपने काम के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रही है। खाकर निगम और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही स्कूलों में दो दिन में ही हालात बेकाबू हो रहे हैं। जिले के 38 अस्पतालों में टीकारण से लेकर हर तरह की जांच सेवा भी प्रभावित हो चुकी है। स्कूलों में शिक्षक गायब है तो बच्चों की उपस्थितिभी कम हो चुकी है। फेडरेशन अब आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है। वही छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ हड़ताल के विरोध में उतर आया है। इस महासंघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री का आभार मानकर बढ़े हुए 6 प्रतिशत डीए में ही संतुष्ठ हो गएहैं। संघ के प्रांतीय संयोजक ने यहां तक आरोपभी लगा दिया कि हड़ताल में शामिल फेडरेशन सौदेबाजी में लगा हुआ है और शासकीय कर्मियों को सब्जबाग दिखा रहा है।

दफ्तरों को देख लगाएं अंदाजा
महासंघ के आरोप के बाद फेडरेशन के पदाधिकारी भी सामने आ रहे हैं।उनका कहना है कि अपने हक पाने हर कोईहड़ताल में शामिल हो रहा है। हड़ताल को कितना समर्थन मिल रहा है इसका अंदाजा केवल खाली पड़े दफ्तरों को देख लगाया जा सकता है। हिन्दी भवन के सामने हड़ताल के दूसरे दिन राजेशचटर्जी, विजय लहरे, आनंद मूर्तिकार, अनुरूप साहू, हरी शर्मा, सतेन्द्र राजपूत, नरसिंह पटेल, मोतीराम, राजेन्द्र राजपूत, चिन्मय अग्रवाल सहित सैकड़ों लोग शामिल हो रहे हैं।

जनता परेशान
फेडरेशन की हड़ताल का खामियाजा केवल जनता को ही उठाना पड़ रहा है। निगम पहुंचे विजय साहू ने बताया कि उन्हें यहां जन्म प्रमाणपत्र बनवानाथा, लेकिन हड़ताल की वजह से उनका काम रुक गया। सुशीला कुमारी ने बताया कि वह अपनी मां के पेंशन के दस्तावेज को जमा करने आईथी,लेकिन हड़ताल की वजह से उसे वापस जाना पड़ रहा है।

टीकारण भी बाधित
मंगलवार को शासकीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बच्चों को किया जाने वाला टीकाकरण भी हड़ताल की वजह से प्रभावित रहा।यहांभी कई महिलाएं छोटे बच्चों को साथ लेकर पहुंची थी।