डायबिटीज वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। दुनियाभर में लाखों लोग इससे पीडि़त हैं। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा का लगातार बढ़ा रहना डायबिटीज का कारण बन सकता है, विशेषज्ञ इसे साइलेंट किलर डिजीज के रूप में भी वर्गीकृत करते हैं। अगर डायबिटीज पर ध्यान न दिया जाए तो यह शरीर के कई अंगों को क्षति पहुंचा सकती है, बहुत अधिक ब्लड शुगर बढऩे के कारण मल्टी-ऑर्गन फेलियर का खतरा भी रहता है। ऐसे में जिन लोगों में डायबिटीज का समस्या है या जिनमें इसका खतरा है, सभी लोगों को विशेषज्ञ इसे कंट्रोल में रखने के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आहार और जीवनशैली को ठीक रखकर डायबिटीज को कंट्रोल रखा जा सकता है। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इसे बढऩे से रोक सकते हैं। हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने ऐसे ही एक बेहद कारगर तरीके के बारे में बताया है। जर्नल स्पोट्र्स मेडिसिन में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि यदि आप भोजन के एक से डेढ़ घंटे के भीतर थोड़ी देर के लिए वॉक करने की आदत बना लेते हैं तो यह टाइप-2 डायबिटीज की जटिलताओं को कम करने में आपके लिए बहुत मददगार हो सकता है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भोजन के बाद वॉक की बनाइए आदत
शोधकर्ता कहते हैं, अक्सर हम सभी खाना खाने के बाद या तो तुरंत अपने काम पर लग जाते हैं या फिर रात में तुरंत ही सोने के लिए चले जाते हैं। इस तरह की आदत मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढऩे का खतरा रहता है। इस आदत में छोटा सा बदलाव, आपको गंभीर समस्याओं से बचा सकता है। भोजन के 60-90 मिनट के भीतर 10 मिनट की छोटी सी वॉक भी आपके मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने में सहायक हो सकती है। ऐसी आदत बनाकर आप डायबिटीज की कई तरह की जटिलताओं से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

अध्ययन में क्या पता चला?
डायबिटीज को कैसे नियंत्रित रखा जा सकता है इस बारे में शोध कर रही विशेषज्ञों की टीम ने सात अध्ययनों के निष्कर्षों की जांच की। इसमें इंसुलिन और रक्त शर्करा के स्तर सहित, हृदय की समस्या और कई अन्य पहलुओं पर विस्तार से नजर रखा गया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन प्रतिभागियों ने भोजन के बाद दो से पांच मिनट तक भी वॉक की, उनके ब्लड शुगर के लेवल में अन्य लोगों की तुलना में बेहतर सुधार दर्ज किया गया। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों को डायबिटीज के साथ पहले से ही हृदय रोगों की भी समस्या है उन्हें भोजन के बाद वॉक करने को लेकर अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेना चाहिए।
क्या कहते हैं शोधकर्ता ?
अध्ययन लेखक और लिमरिक यूनिवर्सिटी में फिजिकल एजुकेशन के प्रोफेसर एडन बफे कहते हैं, खड़े होने और चलने के दौरान स्वाभाविक तौर पर मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिसके लिए शरीर का ग्लूकोज प्रयोग में लाया जाता है। खाने के बाद स्वाभाविक रूप से ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, ऐसे में यदि आप ग्लूकोज पीक पर पहुंचने से पहले हल्के स्तर की शारीरिक गतिविधि करते हैं आमतौर पर भोजन के 60 से 90 मिनट भीतर, तो यह ग्लूकोज स्पाइक को कंट्रोल करने का सबसे कारगर तरीका हो सकता है।
छोटी सी आदत के बड़े फायदे
टेक्सास स्थित ह्यूस्टन मेथोडिस्ट हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ केर्शव पटेल कहते हैं, अक्सर हम ऐसी छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं पर इनसे सेहत को विशेष लाभ मिल सकता है। जिस तरह से दुनियाभर में डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में इस तरह के छोटे-छोटे तरीके आपको बड़े लाभ दे सकते हैं। डायबिटीज मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी के कारण होने वाली समस्या है और खाने के बाद वॉक की आदत बनाकर आप इसमें लाभ पा सकते हैं। यदि आपको डायबिटीज नहीं भी है तो भी यह आदत बनाइए, इससे सेहत को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है।