-दीपक रंजन दास
भिलाई पावर हाउस का एक युवक सगनी घाट में डूब गया. नंदिनी थाना अंतर्गत पडऩे वाला सगनी घाट भिलाई-दुर्ग के लोगों के लिए एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट है. पानी जीव मात्र को आकर्षित करता है. सभ्यता का विकास भी नदियों के आसपास ही हुआ. पर बारिश के दिनों में जब नदी नाले उफान पर होते हैं तो ये जीव मात्र के लिए मुसीबत बन जाते हैं. इस मुसीबत को और बढ़ा रहा है फोटोग्राफी और सोशल मीडिया. अब न केवल हर हाथ में कैमरा फोन है बल्कि सभी के पास मुफ्त का सोशल मीडिया भी है. सोशल मीडिया पर ज्ञात-अज्ञात लोगों के झुण्ड हैं. सोशल मीडिया फालोअर लोगों को कुछ न कुछ नया करने के लिए उकसाते रहते हैं. जब से रील वीडियो का चलन शुरू हुआ है लोग अपने पाजामे से बाहर निकलने लगे हैं. वो हर रोज कुछ न कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो पोस्ट होने के बाद मिनटों में वायरल हो जाए. अज्ञात लोगों का डिजिटल अंगूठा हासिल करने की इस जद्दोजहद में कुछ लोग अपने प्राण गंवा रहे हैं तो बड़ी संख्या में लोग जख्मी भी हो रहे हैं. इसी का ताजा शिकार बना है यह युवक जो अपने दोस्तों के साथ लबालब शिवनाथ को देखने सगनी घाट गया हुआ था. उसने दुस्साहस का परिचय दिया और नदी पर बन रहे पुल के बीम पर जा चढ़ा. अभी वह सेल्फी ले ही रहा था कि उसका संतुलन बिगड़ गया और उफनती नदी में जा गिरा. नल के पानी में नहाने वालों को तैरना वैसे भी नहीं आता. और फिर उनफती नदी में तो स्विमिंग पूल वाले भी फेल हो जाते हैं. अच्छे खासे तैराक भी इस समय पानी से दूर ही रहना पसंद करते हैं. वह पानी में गिरा और बहकर कहां चला गया किसी को कोई अंदाजा नहीं है. पुलिस पहुंची, गोताखोर भी उतारे पर अब तक तलाश जारी है. बहरहाल बात चल रही थी सेल्फी की. पहले फोटो शूट के दौरान कम से कम दो लोगों की उपस्थिति अनिवार्य होती थी जिसमें से एक फोटोग्राफर होता था. पर सेल्फी ने फोटो शूट को निहायत ही निजी मामला बना दिया. लोग खुद अपनी फोटो खींचने लगे. कुछ लोग तो दिन में चार-पांच या उससे भी अधिक बार अपनी फोटो खींचते हैं. घंटे-दो घंटे में शक्ल-सूरत में क्या ही बदल जाता होगा. कोरोना काल में मोबाइल कैमरा स्टैंड और गिम्बाल भी खूब बिके. इससे काम कुछ और आसान हो गया. अब युवा अपने कमरे या बाथरूम के एकांत में कैमरा फिक्स कर खुद ही कपड़े उतार रहे हैं और उसे अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड को भेज रहे हैं. गोपनीयता की तमाम कसमों के बावजूद ये लीक हो रहे हैं और कुछ लोग इससे पैसा भी बना रहे हैं. सरकार ने कुछ समय पहले ऐसी वेबसाइटों पर पाबंदी लगा दी थी पर ये सभी साइटें भेस बदल कर फिर से हाजिर हो गई हैं. अब आदमी सेल्फी लेता खुद डूब कर मरे या निजी तस्वीरों के नेट पर वायरल होने के बाद खुदकुशी करे, सेल्फी जानलेवा सिद्ध हो रहा है.
गुस्ताखी माफ: सेल्फी लेते फिर गई जान
