श्रीदेवी और बोनी कपूर की बिटिया जाह्नवी कपूर ने करियर का आगाज रीमेक फिल्म से किया था। आगे उनकी दो और फिल्में ‘गुड लक जेरीÓ और ‘मिलीÓ भी तमिल और मलयाली फिल्म की रीमेक हैं। उन्होंने अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में बात की।
जेरी की दुनिया क्या है?
उसकी दुनिया पंजाब में है, मगर वह है बिहार से। ढेर सारा पागलपन उसकी लाइफ में है। उसने अपनी जिंदगी में काफी मुश्किलें देखी हैं। लिहाजा उसे लगता है कि उसे थोड़ी बहुत लक की जरूरत है, जिससे वह बुरे हालातों से निकले। अपनी मां और बहन के लिए, आराम की जिंदगी जिए।

बिहारी के लिए काफी तैयारी की है? नई चीज क्या जानी बिहार के बारे में?
डॉयलेक्ट के लिए हम कई जगह जाकर सेशंस करते थे। बिहार के लोग वाकई बड़े मजेदार होते हैं। उनका जो बात करने का तरीका होता है, उसमें ही बड़ी मिठास होती है। उनके गाने काफी मजेदार हैं। वो जो एक गाना है ‘लगावेलू जब तू लिपस्टिक हिलेला आरा डिस्ट्रिक्ट, वह बड़ा कमाल का है। हमारे डायलेक्ट कोच गणेश सर हमसे हर रोज यह गाना रियाज करवाते थे।

स्टार किड है, इसे तो हर चीज आसानी से मिल गई? इसपर क्या सोचती हैं?
मेरा जवाब और नजरिया तो वही है। हां, मुझे चीजें आसानी से मिली हैं। मैं झूठ तो नहीं बोल सकती कि मैंने बहुत कष्ट से इस इंडस्ट्री में कदम रखा है। लेकिन मैं क्या कर सकती हूं? मुझे एक्टिंग से बेहद प्यार है। मैं एक्ट करना चाहती हूं। एक्टिंग ही मेरी पूरी जिंदगी है। इसी से मुझे खुशी मिलती है। गलत बात यह होती कि मैं मिल रहे मौकों का गलत फायदा उठाकर कुछ काम ही नहीं करती। जब दिल करता सेट पर आती-जाती रहती। पर मैं बिल्कुल अवेयर हूं कि मुझे मौके आसानी से मिले हैं तो मैं दोगुनी मेहनत कर दूसरों की नजरों में खुद को साबित कर रही कि मैं इसकी हकदार हूं। अब ये कब पता लगेगा, उसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता। मेरे हाथ में सिर्फ इतना है कि मैं दिल और जान लगाकर काम करती रहूं।
गुड लक जेरी में सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
यही कि ये किरदार बहुत पेचीदा है। मुझे हमेशा मासूम, भोली युवतियों वाले रोल के बॉक्स में डाला गया था। ये भी ऊपरी तौर पर वैसा ही है, मगर इसका जो आर्क है, जो बदलाव आता है, जेरी में, वह काफी अलग है। खुद के बारे में जो वह बहुत कुछ जानने लगती है तो वो कैसे दर्शाऊं, उस पर काफी काम किया।
कभी मौका मिले तो किस फिक्शनल कैरेक्टर से मिलना चाहेंगी?
पुष्पा, मुझे उनका वाला स्टेप सीखना है। अल्लू सर से मिलना तो नहीं हुआ कभी। मलयाली सिनेमा तो पसंद है ही। मसाला में मुझे पुष्पा भी बहुत पसंदीदा है। मैंने उसे घर के कमरे में देखा था, पर वहां भी देखकर सीटी बजा रही थी।