भारत में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले 24 घंटे में एक बार फिर से संक्रमण के मामले 17 हजार से अधिक रिकॉर्ड किए गए, इस दौरान 17,070 लोगों को संक्रमित पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में जिस प्रकार से ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में सभी लोगों को निरंतर इससे बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है। बचाव को लेकर की गई कोई भी लापरवाही आपको संक्रमित कर सकती है।
महामारी की शुरुआत से ही कोमोरबिडिटी और मोटापा से ग्रस्त लोगों में संक्रमण के गंभीर जोखिमों को लेकर अलर्ट किया जाता रहा है। आंकड़े बताते हैं कि जिन लोगों में अधिक वजन की समस्या रही है, उनमें अन्य लोगों की तुलना में गंभीर संक्रमण और आईसीयू में भर्ती होने का खतरा अधिक पाया गया है। मोटापा और कोविड-19 के जोखिमों को लेकर शोध कर रही विशेषज्ञों की टीम ने अपने हालिया अध्ययन में बड़ा दावा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया है कि वैक्सीनेशन, मोटापा ग्रस्त लोगों में संक्रमण और इसके कारण होने वाले मृत्यु के खतरे को कम करने में विशेष भूमिका निभा सकती है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

टीकाकरण की प्रभाविकता को लेकर अध्ययन
द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड के टीके, सभी प्रकार के बॉडी वेट वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम से बचाते हैं। कोरोना की शुरुआत से ही अधिक वजन वाले लोगों को गंभीर विकास के प्रति अति संवेदनशील बताया जाता रहा है, लेकिन इस शोध से पता चलता है कि वैक्सीनेशन करा के ऐसे लोग भी संक्रमण की गंभीरता के जोखिम कम कर सकते हैं।

अध्ययन में क्या पता चला?
इंग्लैंड में नौ मिलियन से अधिक वयस्कों पर यह अध्ययन किया गया। 8 दिसंबर, 2020 (यूके में दिए गए पहले टीके की तारीख) से 17 नवंबर, 2021 तक किए गए इस शोध में इनमें से 566,461 लोगों का टेस्ट पॉजिटिव रहा था। 32,808 अस्पताल में भर्ती थे और 14,389 की मृत्यु हो गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि हाई बीएमआई के बावजूद जिन लोगों को वैक्सीनेशन हुआ था, उनमें बिना टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में गंभीर रोग विकसित होने का जोखिम कम पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अध्ययन एक बार फिर से वैक्सीनेशन की आवश्यकताओं और इसकी प्रभाविकता को साबित करता है।
सभी बॉडी वेट वालों पर असरदार है वैक्सीन
यूके ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नफिल्ड विभाग के प्रमुख और अध्ययन के लेखक डॉ कारमेन पियरनास कहते हैं, अध्ययन के निष्कर्ष इस बात का सबूत देते हैं कि कोविड-19 टीके सभी तरह की बॉडी वेट वाले लोगों की जान बचाने में कारगर हो सकते हैं। मोटापा, कोरोना संक्रमण की गंभीरता के प्रमुख कारणों में से एक मानी जाती रही है, हालांकि अध्ययन से पता चलत है कि टीकाकरण ऐसे लोगों को गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखने में काफी सहायक हो सकती है।
अध्ययन का निष्कर्ष?
अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने पाया कि टीकाकरण सभी बॉडी वेट वाले लोगों को कोविड संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि अंडर वेट वाले लोगों में इसका प्रभाव थोड़ा कम देखा गया। शोधकर्ताओं ने कहना कि स्वस्थ और हाई बीएमआई समूहों में जिन लोगों को वैक्सीनेशन हो चुका है उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना लगभग 70 प्रतिशत कम पाई गई है। दूसरी खुराक के दो सप्ताह कोरोना से मृत्यु का जोखिम भी लगभग दो-तिहाई कम देखा गया है।