वित्त आयोग ने नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों की ली बैठक, आए उपयोगी सुझाव
दुर्ग। वित्त आयोग की आज की बैठक संभाग के नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ हुई। बैठक की अध्यक्षता आयोग के अध्यक्ष सरजियस मिंज ने की। इस दौरान संभागायुक्त महादेव कावरे भी मौजूद रहे। बैठक में नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव आयोग को दिये। निकायों के प्रतिनिधियों ने कहा कि नगरीय निकाय बेहतर वित्तीय व्यवस्था होने पर ज्यादा नागरिक सुविधाएं दे सकते हैं। इसके लिए नगरीय निकायों को ऐसे अवसर देने होंगे जिससे उनके अतिरिक्त आय में वृद्धि हो सके। प्रतिनिधियों ने बताया कि निगम की बड़ी राशि स्थापना व्यय में खर्च हो जाती है और विकास के लिए तथा नवाचारों के लिए काफी कम राशि बचती है। इसके लिए दो रास्ते हैं जिन करों की वसूली के लिए पहले निगम को अधिकार था उन्हें पुन: दिया जाए अथवा इसकी क्षतिपूर्ति दी जाए। स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि सीएसआर के धन में हिस्सा नगरीय निकायों को भी मिलना चाहिए। उद्योग नगरीय परिसर के समीप ही रहते हैं लेकिन नगरीय निकायों को इनके सीएसआर का हिस्सा नहीं मिलता। इसके अलावा नगरीय क्षेत्र में जो जमीन हैं उन पर भी अधिकार नगरीय निकायों को दिया जाना चाहिए ताकि व्यावसायिक गतिविधि बढ़ाकर अतिरिक्त आय हासिल की जा सके और इसके माध्यम से नागरिक विकास के कार्य आरंभ हो सकें।

नगरीय क्षेत्र में शासकीय अचल संपत्ति के सारे अधिकार नगरीय निकायों को दिया जाना चाहिए। प्रतिनिधियों ने कहा कि जलआवर्धन जैसी योजनाओं में संधारण का खर्च नहीं मिल पाता जिससे निकायों को अपने बजट से इसकी व्यवस्था करनी पड़ती है। इसके लिए सरकार को चाहिए कि संधारण व्यय के लए अतिरिक्त राशि दी जाए। प्रतिनिधियों ने कहा कि नगरीय निकायों की आय व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर अधिक होगी। इसके लिए पीपीपी माडल पर कार्य किया जा सकता है। बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिकोण से मूलभूत राशि बढ़ाने की मांग भी रखी गई। संभागीय मुख्यालय में शासकीय विभागों के सामने की खाली जमीन नगरीय निकायों को देने की मांग भी रखी गई। नगरीय निकायों में एसटीपी अनिवार्य करने और इसके लिए राशि उपलब्ध कराने की बात भी कही गई। अपने संबोधन में अध्यक्ष ने कहा कि बहुत उपयोगी सुझाव स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों की ओर से आये हैं। इनसे शासन को अवगत कराया जाएगा।


उन्होंने कहा कि निगम की आय बढ़ाने के साथ ही यह भी ध्यान देना होगा कि किस प्रकार निगम का खर्च अनुपयोगी मदों में बचाया जा सकता है। छोटे छोटे उपाय अपनाकर इसे कर सकते हैं। बैठक में संभागायुक्त कावरे ने कहा कि आज की बैठक में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने जो अनुभव साझा किये हैं उनका लाभ सभी को मिलेगा। आज जो सुझाव आये हैं। उनके माध्यम से नगरीय निकायों को निरंतर मजबूत बनाने की सरकार की कोशिशों को बल मिलेगा। बैठक में दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, भिलाई महापौर नीरज पाल, भिलाई चरौदा महापौर निर्मल कोसरे, रिसाली महापौर श्रीमती शशि सिन्हा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में आयोग के सचिव सतीश पांडे,संयुक्त सचिव जेएस विरदी भी मौजूद रहे।

आये नवाचार के सुझाव भी
प्रतिनिधियों ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा की तरह स्थानीय निकायों की कार्यवाही का भी प्रसारण स्थानीय स्तर पर किया जाए। लोगों को सूचना तुरंत मुहैया कराने चौक-चौराहों में लाउडस्पीकर लगाये जाएं। निगम में जनोपयोगी कार्य करने सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए।