रायपुर। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में राजस्थान को कोल ब्लॉक की मंजूरी का भारी विरोध हो रहा है। कोल ब्लॉक की मंजूरी को लेकर राज्य के आदिवासी और प्रभावित ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं इसको लेकर राज्य में राजनीति भी तेज हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और सीएम भूपेश बघेल कोयला खनन को लेकर आमने सामने आ गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि घने जंगलों का विनाश करके कोयला खनन नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि अगर कोई बंदूक और गोलियां चलाने के लिए आता है, तो आप मुझे फोन करें। मैं पहली गोली लूंगा।
सीएम भूपेश ने दी प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सिंहदेव नहीं चाहते कि पेड़ काटे जाएं, तो एक भी शाखा को नहीं छुआ जाएगा। गोली लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो कोई भी बंदूक देगा उसे गोली मार दी जाएगी।

किसान और आदिवासी कर रहे विरोध
गौरतलब है कि राज्य में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित दो कोयला खदानों में खनन की अनुमति के खिलाफ कार्यकर्ताओं और ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं। बीते शनिवार को सीएम भूपेश बघेल ने कोयला खनन की जरूरत पर बल दिया था। उन्होंने कहा था कि खनन जारी रहेगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि जो लोग कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें पहले अपने घरों में बिजली को बंद कर देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोयला खनन के दौरान अस्सी हजार पेड़ काटे जाने हैं।

टीएस सिंहदेव ने किया था परसा कोल माइंस क्षेत्र का निरीक्षण
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सोमवार को परसा कोल माइंस क्षेत्र के गांवों में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सरगुजा के हरिहरपुर गांव में आंदोलनरत ग्रामीणों से मुलाकात भी की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि घने जंगलों का विनाश करके कोयला खनन नहीं होना चाहिए। ऐसी जगहों से कोयला निकाला जाए जहां जंगल नहीं हैं। अगर ग्रामीण एक राय रहे तो उनकी जमीन कोई नहीं ले सकता। एकता ही सबसे बड़ी ताकत है। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी से मिलकर इस बारे में जानकारी देने की बात भी कही थी।