मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना
रायपुर. मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना से ग्रामीण अंचल के जनता को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। हाट बाजार में इस प्रकार की सुविधा के मिलने से इसके प्रति ग्रामीणों में विशेष रूचि दिखाई दे रही है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के आदिवासी बाहुल कसडोल और बिलाईगढ़ विकासखंड के 12 गांव की हाट-बाजारों में संचालित है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर विगत 2 अक्टूबर को जिले में इसका शुभारंभ हुआ है। इस योजना से लगभग तीन हजार से अधिक ग्रामीण को सुविधा का लाभ मिला है। प्रति सप्ताह आयोजित होने वाले हाट बाजार में डॉक्टरों की टीम जरूरी दवाईयां लेकर वहां पहुंचती है। साग-सब्जी अथवा अन्य मनिहारी दुकानों के बीच में वे भी अपना स्टॉल लगा लेते हैं और आत्मीयता पूर्वक स्थानीय लोगों की बोली-भाषा में बात-चीत करते हुए उनका इलाज कर दिल जीत रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर संचालित यह योजना राज्य के दूरस्थ अंचलों में लगने वाले हाट-बाजारों में आने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का भी मिल पाना संवेदनशील सरकार की अभिनव पहल है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि योजना को जिले में अच्छा प्रतिसाद मिला है। सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कसडोल विकासखण्ड में 8 हाट-बाजार एवं बिलाईगढ़ विकासखण्ड में 4 हाट-बाजार में प्रति सप्ताह टीम पहुंचती है। कसडोल के थरगांव, रवान, अर्जुनी,छाता, असनीद, बार, बफरा, नवागांव और बिलाईगढ़ के बगमल्ला, चारपाली, गेड़ापाली एवं ढनढनी मंे लगने वाली साप्ताहिक हाट-बाजार में यह योजना संचालित हो रही है। हाट-बाजार में आने वाले आस-पास के ग्रामीणों को भी इस योजना का फायदा मिल रहा है। उनका कहना है कि छोटे-मोटे बीमारियों के इलाज के लिए ग्रामीणों को दूरस्थ स्थित स्वास्थ्य केन्द्र तक आने की जरूरत ना हो और इसके लिए अतिरिक्त समय गंवाना ना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार यह योजना लांच की है। हाट-बाजार में डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट सहित पूरी टीम साथ रहती है। उनके द्वारा छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे- मौसमी बुखार, दर्द, मलेरिया, पेचिस, दस्त, उल्टी एनीमिया, कमजोरी, रक्तचॉप, मधुमेह, त्वचा रोग आदि बीमारियांे की जांच एवं इलाज किया जाता है। स्वस्थ्य रहने के उपाय भी बताये जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि हाट बाजारों में आने वाले और वहां अपने जीविकापार्जन करने वाले अधिकांश ग्रामीण जनता अपने इलाज के लिए विभिन्न कारणों से अस्पताल नहीं जा पाते उनके लिए यह लाभदायक सिद्ध हो रहा है।