भिलाई। राज्यसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 2 सीटों के लिए बाहरी प्रत्याशियों की घोषणा ने स्थानी कांग्रेस नेताओं के चेहरों पर मायूसी ला दी है। छत्तीसगढ़ से कांग्रेस ने एक भी व्यक्ति को राज्यसभा के लायक नहीं समझा। यही नहीं भिलाई की महिला नेत्री तुलसी साहू का नाम पैनल में होने के बाद भी अंतिम समय में काट दिया गया। इसे लेकर भी प्रदेश भर में कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर नाराजगी दिख रही है।
वैसे तो कांग्रेस नेता सीधे विरोध नहीं कर पा रहे तो इनका गुस्सा सोशल मीडिया पर उजागर हो रहा है। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता अपने-अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं। विरोध में भी ऐसी बातें हो रही हैं जिससे आलाकमान को भी या ना लगे कि पार्टी नेता फैसले से नाराज हैं। वहीं दूसरी ओर जिन लोगों ने सोच रखा था कि इस बार राज्यसभा के टिकट उन्हें मिल सकती है उनके चेहरे काफी मायूस दिख रहे।

बता राज्यसभा के 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होने वाले हैं 31 मई को नामांकन की अंतिम तिथि है। अभी कॉन्ग्रेस की ओर से छत्तीसगढ़ के प्रत्याशी तो तय कर दिए गए हैं। इसके बाद भी नामांकन दाखिले के समय तक कुछ बदलाव होने की उम्मीदों के साथ नेता इंतजार में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान अपना फैसला बदल सकता है और छत्तीसगढ़ के किसी नेता को एक सीट पर राज्यसभा भेजा जा सकता है। इसे लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता भी लामबंदी में जुटे हुए हैं। खासकर प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल भी चाहते हैं कि राज्यसभा में छत्तीसगढ़ का व्यक्ति का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

दबी जुबान में कांग्रेस के फैसले का विरोध
छत्तीसगढ़ की 2 सीटों पर बाहरी प्रत्याशियों को उतारने से दबी जबान में कांग्रेस के फैसले का विरोध जताया जा रहा है। कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश भर में कांग्रेस की हालत वैसे ही अच्छी नहीं है। 57 सीटों मैं से केवल 10 सीटों पर ही कांग्रेसी राज्यसभा के उम्मीदवार खड़े कर सकती है। इन सभी 10 सीटों पर कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं को तवज्जो नहीं दी। जिससे प्रदेश में आने वाले चुनाव को देखते हुए नुकसान की बातें कही जा रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि 2023 में छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पिछले चुनाव में शानदार सफलता मिलने के बाद भी राज्यसभा जैसे मंच पर छत्तीसगढ़ के नेताओं को तवज्जो नहीं दिया जाना कहीं ना कहीं नाराजगी का सबब बन रहा है। आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए यह घातक साबित हो सकता है।
सर्वमान्य चेहरा मानी जा रही थी तुलसी साहू
रविवार को अचानक भिलाई शहर जिला कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष रही श्रीमती तुलसी साहू का नाम राज्यसभा के लिए सामने आया। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी कहा था कि राज्यसभा भेजे जाने वाले नामों में एक नाम तुलसी साहू का भी है। बताया जा रहा था कि छत्तीसगढ़ से केवल तुलसी साहू अकेले ही दावेदार थी बाकी सभी नाम बाहरी प्रत्याशियों के थे। इसे देखते हुए यह लग रहा था कि एक सीट पर छत्तीसगढ़ से तुलसी साहू राज्यसभा जा सकती हैं।
मगर जब देर रात कांग्रेस ने सूची जारी की तो आश्चर्यजनक रूप से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन के नाम सामने आए। लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। हालांकि विरोध किसी ने नहीं किया क्योंकि यह आलाकमान का फैसला था। अब कांग्रेस कार्यकर्ता इस उम्मीद में बैठे हैं कि 31 मई तक नामांकन दाखिले के पहले कुछ ना कुछ परिवर्तन हो। क्योंकि विरोध के स्वर आलाकमान तक पहुंच चुके हैं संभवत इस पर अभी निर्णय होना बाकी है।