रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को बस्तर जिले की झीरम घाटी में 2013 में हुए नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं और अन्य लोगों की याद में जगदलपुर के लालबाग में बनाए गए झीरम शहीद स्मारक का अनावरण किया। इस मौके पर भूपेश बघेल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा घटना के पीछे की साजिश को उजागर करने के प्रयासों में बाधा डालती है। झीरम घाटी नक्सल हमले की ये 9वी बरसी थी।
सीएम बघेल ने लहराया 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज
सीएम भूपेश बघेल ने स्मारक स्थल पर 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज को भी फहराया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने भाजपा पर हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए राज्य सरकार के प्रयास बाधित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर के लालबाग इलाके में ‘झीरम घाटी शहीद स्मारकÓ नाम का स्मारक बनाया गया है, जहां हमले में मारे गए नेताओं और सुरक्षाकर्मियों की मूर्तियां लगाई गई हैं।

झीरम की घटना एक राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र था। #झीरम_श्रद्धांजलि_दिवस pic.twitter.com/jI5at2Hetc
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 25, 2022
भाजपा पर लगाया आरोप
समारोह से इतर भूपेश बघेल ने भाजपा पर इस दुखद हमले के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए राज्य कांग्रेस सरकार के प्रयासों में बाधा डालने का प्रयास करने का आरोप लगाया। सीएम भूपेश बघेल ने दावा किया कि पिछले नौ वर्षों में हमने तथ्यों को सामने लाने की पूरी कोशिश की क्योंकि आप सभी जानते हैं कि यह एक राजनीतिक और आपराधिक साजिश थी, लेकिन भाजपा हमारे प्रयासों को रोकने की कोशिश करते रही।

भाजपा सरकार ने जांच में लगाया अडंगा
उन्होंने कहा कि घटना के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई जांच संतोषजनक नहीं थी, जब हमने साजिश के बारे में जांच के लिए एक नई पुलिस जांच शुरू की और मामले को एनआईए से वापस मांगा तो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इनकार कर दिया। इतना ही नहीं नई पुलिस जांच के खिलाफ एनआईए उच्च न्यायालय पहुंच गई।
सीएम भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए आगे कहा कि भाजपा के के नेता राज्य सरकार की जांच के खिलाफ कोर्ट गए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि उन्हें आखिर क्या परेशानी है जो वह राज्य सरकार को जांच को करने से रोक रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम नक्सल हमले के समय छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी। उन्होंने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा नहीं दी और हमेशा जांच को प्रभावित करती रही।
भले ही हमारे नेता हमारे बीच नहीं, लेकिन बना रहेगा मार्गदर्शन
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि शहीदों के परिजनों के साथ हम सब हर सुख-दु:ख में खड़े हैं। हमारे नेता हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका मार्गदर्शन बना हुआ है। यदि आज हमारे नेता जीवित होते, तो निश्चित रूप से वो खुशी जाहिर करते कि जहां लाल आतंक के साये में बस्तर दहक रहा था, आज वो बस्तर शांति की ओर लौट रहा है। वो जहां भी होंगे, निश्चित रूप से इस बात को देखकर खुश हो रहे होंगे और सबको आशीष दे रहे होंगे।
2013 में हुई थी घटना
गौरतलब है कि 25 मई 2013 को माओवादियों ने विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की ‘परिवर्तन रैलीÓ के दौरान झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, विपक्ष के पूर्व नेता महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित 32 लोग मारे गए थे।
राहुल गांधी ने भी किया ट्वीट
राहुल गांधी ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हम अपने नेताओं की शहादत को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने लिखा, ‘2013 में झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में हमने अपने कई कांग्रेस के साथियों और जवानों को खो दिया था। हम अपने देशभक्त साथियों की वीरता को सलाम करते हैं, उनकी शहादत हम कभी नहीं भूल सकते।Ó