भोपाल (एजेंसी)। मध्य प्रदेश के गुना जिले में देर रात पुलिस और शिकारियों में मुठभेड़ हो गई। इसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर आपात बैठक के बाद तीनों पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की है। घटनास्थल पर देरी से पहुंचने के लिए ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को हटाने का फैसला किया है।
गुना के आरोन इलाके के जंगल में शनिवार तड़के पुलिसकर्मी काले हिरण के शिकार के मामले में सर्चिंग करने गए थे। यहां शिकारियों ने छिपकर उन पर फायरिंग की। गुना पुलिस का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। इसके बाद शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए गए हैं। यह घटना तड़के 4:00 बजे की बताई जा रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक के बाद कहा कि हमारे पुलिस के मित्रों ने शिकारियों का मुकाबला करते हुए शहादत दी है। इस घटना में दोषी अपराधियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी जो इतिहास में उदाहरण बनेगी। अपराधियों की पहचान हो गई है। घटना की पूरी जांच हो रही है। घटना में शहादत देने वाले तीनों पुलिस के साथी एसआई राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव, आरक्षक संतराम की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।

इन्होंने कर्तव्य की बलिवेदी पर अपने जीवन को न्यौछावर किया है। उन्हें शहीद का दर्जा देकर 1-1 करोड़ की सम्मान निधि परिवार को दी जाएगी। परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में लिया जाएगा। पूरे सम्मान के साथ शहीद पुलिसकर्मियों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार में जिलों के प्रभारी मंत्री शामिल होंगे। घटना के बाद पहुंचने में देरी करने पर ग्वालियर आईजी को तत्काल हटाने का फैसला किया है। हमला करने वालों में सात शिकारी शामिल थे। उनमें से राघौगढ़ निवासी एक शिकारी नौशाद क्रॉस फायरिंग में मारा गया।