नई दिल्ली (ए)। एलियंस के अस्तित्व को लेकर कई दावे किए जाते हैं। एलियंस के बारे में वैज्ञानिकों के मत भी एक नहीं हैं। एलियंस और यूएफओ को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। धरती पर आए दिन एलियन और यूएफओ को देखने का दावा किया जाता है। कई बार ऐसे दावा किए जाते हैं जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है। क्या ब्रह्मांड में धरती के अलावा कहीं जीवन है? क्या अंतरिक्ष में एलियन का अस्तित्व है? इसको लेकर किसी के पास ठोस सबूत नहीं हैं। एलियन के अस्तित्व को वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। हालांकि आए दिन एलियन के बारे में नए-नए दावे किए जाते हैं।
विज्ञान ने बीते दशकों में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। अब वैज्ञानिक अंतरिक्ष में ऐसी जगह की खोज कर रहे है जहां पर जीवन की संभावना हो। वैज्ञानिकों की यह खोज बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा तक पहुंच चुकी है। जहां पर जीवन की संभावना हो सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर एलियन हो सकते हैं। बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा की अधिकतर सतह पर बर्फ है। हाल ही वैज्ञानिकों को पता चला है कि यूरोपा पर पानी भी हो सकता है। यूरोपा की भौगोलिक स्थिति ग्रीनलैंड से मेल खाती है जिसकी वजह से यहां पर जीवन संभावना जताई जा रही है।
ग्रीनलैंड में बर्फ के अंदर पानी में जीवन पाया जाता है। यहां झींगा, जेलिफिश और घोंघे जैसे जीव पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों ने इस आधार पर संभावना जताई है कि यूरोपा पर बर्फ की ठोस सतह के नीचे पानी स्थित है जहां पर जीवन हो सकता है। वैज्ञानिकों ने यूरोपा पर सैकड़ों किमी लंबी लकीरें खोजी हैं। यह लकीरें उठी हउई बर्फ हैं जिन्हें डबल रिज कहा जाता है। इन लकीरों और उत्तर-पश्चिम ग्रीनलैंड में समानताएं हैं। इन डबल रिज पर 20 सालों से ज्यादा समय से वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च किया जा रहा है। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के डॉ. ग्रेगर स्टीनब्रुग ने यह बात बताई है। वैज्ञानिकों को पहली बार कुछ ऐसा मिला है जो धरती पर होता है। डॉ. ग्रेगर स्टीनब्रुग का कहना है कि बर्फीले यूरोपा पर आखिर कैसे फिजिक्स और गतिशीलता की प्रक्रियाएं हावी हैं? यह जानने और समझने का प्रयास कर रहे हैं।

वैज्ञानिकों को पता चला है कि यूरोपा पर पाए जाने वाले डबल रिज की ऊंचाई करीब एक हजार फीट है जबकि लंबाई लगभग आधा मील से अधिक है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डस्टिन श्रोएडर का कहना है कि अगप बर्फ के नीचे पानी है, तो जीवन हो सकता है। उनका कहना है कि ग्रीनलैंड की तरह ही कुछ यूरोपा पर भी भौगोलिक स्थिति है। इसका अनुमान है कि यहां पर पानी हो सकता है। प्रोफेसर डस्टिन श्रोएडर ने बताया कि हमें यह मौसम में बदलाव से जुड़ी खोज के दैरान संयोग से यह मिला है।
