ये उस रण की कहानी है जिसके रणनायक तानाजी ने बहादुरी के साथ लड़ते हुए सिंहगढ़ का किला तो जीत लिया था लेकिन ये करते करते उनकी मौत हो गई। जब शिवाजी को अपने योद्धा की मौत के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा – ‘गढ़ आला, पन सिंह गेला’ यानी किला तो जीत लिया लेकिन अपना शेर खो दिया। ये कहानी उस दौर से शुरू होती है जब सिंहगढ़ का नाम कोंधाना हुआ करता था। लगभग साढ़े सात सौ मीटर की ऊंचाई पर बने किले पर एक राजपूत कमांडर उदयभान का राज हुआ करता था।