भिलाई। निर्मल कोसरे भिलाई-चरोदा नगर निगम के नए महापौर चुने गए। उन्हें आज दोपहर पार्षदों के बहुमत के बाद महापौर घोषित किया गया। 40 सदस्यीय सदन में उन्हें कुल 24 पार्षदों के वोट मिले, वहीं भाजपा प्रत्याशी नंदिनी जांगड़े को महज 16 वोट ही मिल सके। यह पहला अवसर है, जब भिलाई-चरोदा क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा हुआ है। इससे पहले दो बार निर्दलीय व दो बार भाजपा के पालिकाध्यक्ष व महापौर रहे। निर्मल कोसरे के जरिए कांग्रेस ने इस सूखे को न केवल खत्म किया, अपितु सभापति की कुर्सी भी अपने नाम की। सभापति पद के लिए काफी जद्दोजहद के बाद पार्टी ने कृष्णा चंद्राकर का नाम प्रस्तावित किया था। उनकी जीत के साथ ही इस निगम क्षेत्र की पूरी सत्ता कांग्रेस के हाथ में आ गई है। कृष्णा चंद्राकर को भी कुल 24 पार्षदों के मत मिले, वहीं भाजपा के सभापति प्रत्याशी चंद्रप्रकाश पाण्डेय को 16 मतों से ही संतुष्ट होना पड़ा।
चरोदा नगर निगम में बहुमत के बाद पार्टी ने अपने पार्षदों को पॉलिटिकल पिकनिक पर पुरी भेज दिया था। पार्टी के सभी पार्षद कल ही पुरी से लौटे। इसके बाद उन्हें रायपुर के एक निजी होटल में ठहराया गया। वहां कांग्रेस के कई नेताओं ने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों के समक्ष महापौर और सभापति के नाम प्रस्तावित किए। आज सुबह पार्टी के पार्षद वापस भिलाई-3 चरोदा पहुंचे और सीधे शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल हुए। इसके बाद महापौर और सभापति के निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। भाजपा ने भी इस चुनाव में हाथ आजमाने का मूड़ बनाया था और इसी के चलते महापौर पद के लिए नंदिनी जांगड़े तो सभापति के लिए चंद्रप्रकाश पाण्डेय को मैदान में उतारा। उम्मीद की जा रही थी कि भाजपा के प्रत्याशी कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। भाजपा ने जिस तरह बहुमत न होने के बावजूद बैकुंठपुर में जीत हासिल की थी, वैसे ही चमत्कार की उम्मीद थी। हालांकि भाजपा की उम्मीदों को झटका लगा। 40 सदस्यीय निगम सदन में भाजपा के पास कुल 15 पार्षद हैं। भाजपा यह उम्मीद कर रही थी कि कुछ निर्दलियों के वोट के साथ यदि कांग्रेस के एक-दो पार्षद भी क्रास वोटिंग कर देते हैं तो उसका खेल बन जाएगा।

कांग्रेस की चाक-चौबंद फिल्डिंग के चलते क्रास वोटिंग की संभावनाएं क्षीण होती चली गई और अंत में निर्मल कोसरे को नया महापौर घोषित कर दिया गया। इससे पहले कांग्रेस ने सभापति पद के लिए एकराय की कई कोशिशें की, किन्तु कई नामों के बीच एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इसी के चलते अंतिम समय में कृष्णा चंद्राकर का नाम सामने लाया गया और इसी नाम पर अंतिम मुहर भी लगी। दोपहर तक आधिकारिक तौर पर महापौर और सभापति के नामों का ऐलान नहीं किया गया था। किन्तु कांग्रेस पार्षदों की वोटिंग के बाद यह स्पष्ट हो गया कि निर्मल कोसरे ही महापौर होंगे। क्षेत्र के कांग्रेसियों ने नए महापौर की घोषणा से पहले ही जश्न भी मना लिया। आज ही अपील समिति के 3 सदस्यों का भी चुनाव होना था, फिलहाल ये 3 नाम सामने नहीं आ पाए हैं।

इससे पहले, नगर पालिक निगम भिलाई चरोदा में सोमवार को सुबह शपथ ग्रहण हुआ। तय समय पर जिला कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने 6 निर्दलियों समेत निर्वाचित सभी 40 पार्षदों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यहां पांच-पांच पार्षदों ने मंच पर पहुंचकर शपथ ली। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता मौजूद रहे। इसके बाद महापौर व सभापति पद के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। दोपहर 12 बजे नामांकन पत्र लेने से शुरू हुई यह प्रक्रिया 12.30 बजे नाम निर्देशन पत्रों की जांच और आपत्तियों तक पहुंची। इसके बाद दोपहर 1 बजे तक का वक्त नाम वापसी के लिए तय किया गया था। इसके बाद मतदान की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई। इसी दौरान अपील समिति के सदस्यों के लिए चुनाव कराया गया। पूरे समय में मीडिया को प्रक्रियाओं से दूर रखा गया था।
नवनिर्वाचित पार्षदों के शपथ ग्रहण स्थल पर पहुंचने के बाद सभागार में भारी गहमागहमी का माहौल था। कांग्रेस ने महापौर पद के लिए निर्मल कोसरे का नाम कल रात ही तय कर लिया था। आज जब श्री कोसरे ने नामांकन पत्र लिया, उनके नाम पर स्वमेव ही मुहर भी लग गई। सभापति के लिए कांग्रेस में काफी उठापटक का माहौल था। आखिरकार कृष्णा चंद्राकर के नाम का ऐलान किया गया। कांग्रेस के कई पार्षदों में इस नाम को लेकर नाखुशी भी देखी गई। इससे पहले कल भिलाई-3चरोदा नगर निगम के सभी कांग्रेस पार्षदों को रायपुर बुलाया गया। उन्हें एक निजी होटल में ठहराया गया, जहां देर रात कांग्रेस के आला नेताओं के साथ बैठक भी हुई।