कोरबो-लोडबो-जीतबो की तर्ज पर चुनौती देगी भाजपा
भिलाई। प्रदेश के हालिया सम्पन्न नगरीय निकायों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भले ही सफलता नहीं मिल पाई हो, किन्तु हार नहीं मानने की पार्टी की नई रणनीति से कांग्रेस का रक्तचाप बढ़ा हुआ है। कोरिया के बैकुंठपुर में जिस तरह भाजपा के नेताओं ने असंतुष्टों को साधकर हारी हुई बाजी अपने नाम कर ली, ठीक उसी तर्ज पर अब दुर्ग के तीनों नगर निगमों पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसके लिए बाकायदा टीम की भी घोषणा कर दी गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि वे हार न मानते हुए सभी निकायों में प्रत्याशी उतारेंगे। इधर, कांग्रेस को डर है कि उसके महत्वाकांक्षी पार्षद नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसीलिए उन्हें पॉलिटिकल पिकनिक पर ले जाया गया है। स्थिति यह है कि कई पार्षदों की गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जा रही है कि कहीं वे लामबंदी तो नहीं कर रहे।
अब तक पूरा मैदान साफ मानकर चल रही कांग्रेस पार्टी की चिंता भाजपा की बैकुंठपुर रणनीति ने बढ़ा दी है। वैसे भी राजनीति में कहावत है कि कभी भी-कुछ भी हो सकता है। जिले के तीनों नगर निगमों पर बहुमत के बाद पार्टी के लग रहा था कि अब उसका महापौर और सभापति बनना तय है, किन्तु भाजपा की नई रणनीति और कांग्रेस के महत्वाकांक्षी नेताओं के चलते अब उसे भी नए सिरे से विचार करना पड़ रहा है। हालात यह है कि पिकनिक पर ले जाए गए पार्षदों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वे लामबंदी और गुटबाजी आदि से दूर रहें और पिकनिक का आनंद लें। इन पार्षदों के साथ संगठन के नेताओं को भी भेजा गया है, ताकि वे पार्षदों की गतिविधियों पर नजर रख सकें। बताया जा रहा है कि कुछ पार्षदों ने नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ जुगलबंदी बढ़ाई है। खासकर भिलाई नगर निगम क्षेत्र में भले ही कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है, बावजूद इसके पार्टी के नेताओं में चिंता साफ देखी जा सकती है। यहां आधा दर्जन से ज्यादा पार्षद स्वयं को भावी महापौर मानकर चल रहे हैं। एक पार्षद ने तो अपने समाज व रिश्तेदारों के जरिए दिल्ली तक अपना पक्ष रखा है।

भिलाई में हालात इसलिए भी ज्यादा खराब है, क्योंकि महापौर पद के सभी दावेदार पार्षद अपने को मुख्यमंत्री और विधायक का करीबी बता रहे हैं। भाजपा के रणनीतिकारों की नजर कांग्रेस के प्रत्येक कदम पर है। जानकार बताते हैं कि कतिपय नेता इस जुगाड़ में भी लगे हैं कि उनकी पिकनिक पर गए कांग्रेस के असंतुष्ट पार्षदों से बात हो जाए। हालांकि उन्हें अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। भाजपा ने प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र के लिए दो-दो प्रभारी बनाए हैं। पार्टी को लगता है कि थोड़ा प्रयास करने पर कम से कम एक नगर निगम पर कब्जा किया जा सकता है। भाजपा के एक नेता के मुताबिक, ‘पार्टी कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशानाÓ की तर्ज पर काम कर रही है। यह बताने की कोशिश की जा रही है कि उसका ध्यान एक क्षेत्र पर है, जबकि निशाने पर दूसरा क्षेत्र है।

गौरतलब है कि चार नगर निगम में मेयर व सभापति के अलावा दो नगर पालिका में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के लिए भाजपा ने नेताओं को जिम्मेदारियां बांटी हैं। जहां करीबी मुकाबला है, वहां निर्दलीय पार्षदों से बात कर भाजपा मेयर या सभापति बनाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष का भी चयन किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय ने सभी निगमों में दो-दो प्रभारी बनाए हैं। इसके मुताबिक भिलाई की जिम्मेदारी सांसद संतोष पांडेय व भूपेंद्र सवन्नी को दी गई है। रिसाली की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और किरण देव को दी गई है। भिलाई चरौदा के लिए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा और बीरगांव के लिए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर व सांसद सुनील सोनी को प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह जामुल नगर पालिका के लिए लाभचंद बाफना और नीलू शर्मा व खैरागढ़ के लिए संजय श्रीवास्तव को प्रभारी बनाया गया है। बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा एक-दो पालिकाओं को छोड़ दें तो बाकी जगह बहुमत से काफी पीछे है। हालांकि बैकुंठपुर और चरचा कॉलरी पालिका में बहुमत से पीछे होने के बावजूद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में कामयाबी के बाद अब उन्हें कुछ और स्थानों पर सफलता की उम्मीद है।
3 से 6 जनवरी के बीच होंगे चुनाव
दुर्ग जिले के तीन नगर निगम भिलाई, रिसाली और भिलाई चरौदा में 3 से 6 जनवरी के बीच महापौर और सभापति चुन लिए जाएंगे। भिलाई चरौदा में तीन जनवरी, बीरगांव में चार, रिसाली में 5 और चरौदा में 6 को जरूरत के मुताबिक मतदान होगा। नगर पालिका जामुल के लिए 7 जनवरी को अध्यक्ष चुना जाएगा। भिलाई निगम में कांग्रेस के 37 व भाजपा के 24 के अलावा 9 निर्दलीय जीते हैं। भिलाई चरौदा में कांग्रेस के 19, भाजपा के 15 और 6 निर्दलीय पार्षद जीते हैं। रिसाली में कांग्रेस 21, भाजपा 12 और 7 निर्दलीय जीते हैं। बीरगांव में कांग्रेस 19, भाजपा के 10, 6 निर्दलीय और जोगी कांग्रेस के 5 पार्षद जीते हैं।