वाशिंगटन (एजेंसी) । धरती को एस्टेरॉयड के हमलों से बचाने के लिए नासा ने डार्ट मिशन को लॉन्च कर दिया है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे एस्टेरॉयड की दिशा पता करना है। दरअसल, डार्ट मिशन की लॉन्चिंग स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से की गई है। इस स्पेसक्राफ्ट को फॉल्कन रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया है जहां वह एस्टेरॉयड से टकराएगा। इसके बाद देखना यह होगा कि एस्टेरॉयड की दिशा में बदलाव हुआ या नहीं। स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को कैलिफोर्निया स्थित वांडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से रवाना किया है।
स्पेसक्राफ्ट इस एस्टेरॉयड से 24,140 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से टकराएगा
नासा के मुताबिक यह स्पेसक्राफ्ट इस एस्टेरॉयड से 24,140 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से टकराएगा। ताकि एस्टेरॉयड की दिशा में क्या बदलाव हुई है, उसकी जानकारी एकत्रित की जा सके। इसके अलावा टक्कर के दौरान एस्टेरॉयड के वातावरण, धातु, धूल, मिट्टी आदि का भी अध्ययन किया जाएगा। नासा के वैज्ञानिक के अनुसार यह धरती को बचाने की बड़ी मुहिम है।
जानिए क्या है डार्ट मिशन?
नासा के मुताबिक इस मिशन का नाम है डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट और इसे काइनेटिक इम्पैक्टर टेक्नीक भी कहा जा रहा है। यह तकनीक इसलिए विकसित की गई है ताकि धरती की तरफ आ रहे एस्टेरॉयड से स्पेसक्राफ्ट को टकराकर उसकी दिशा में परिवर्तन किया जा सके। इतना ही इस मिशन से वैज्ञानिकों को एस्टेरॉयड के बारे में और भी कई जानकारियां प्राप्त होंगी
