काठमांडु (एजेंसी)। सुरक्षा कारणों से नेपाल ने शनिवार को बड़ा एलान किया कि वह हाल ही में शुरू किए गए कुरथा-जयनगर रेल मार्ग से किसी तीसरे देश के नागरिक को भारत यात्रा नहीं करने देगा।
भारतीय अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से नेपाल के समक्ष यह भारत की सुरक्षा को खतरा बताते हुए यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद नेपाल ने यह निर्णय किया। शनिवार को आई मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। ‘काठमांडु पोस्ट’ के अनुसार यह सहमति भारत नेपाल के बीच रेल संचालन के स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर को अंतिम रूप देने के दौरान बनी। अखबार ने नेपाल के रेलवे महानिदेशक दीपक कुमार भट्टाराई के हवाले से यह बात कही है।
भारत व नेपाल के बीच सुरक्षा की दृष्टि से छिद्रयुक्त् सीमा है। इसलिए अपराधियों व आतंकवादियों के लिए यह भारत में घुसने या भारत से भागने का आसान रास्ता है।

22 अक्तूबर को भारत ने 34.9 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, जो कि बिहार के जयनगर को नेपाल के कुरथा से जोड़ती है, नेपाल सरकार को सौंप दी है। इस रेल लाइन पर ट्रेनों के संचालन की एक मानक प्रक्रिया तय की गई है। इसके जरिए ही दोनों देशों के बीच ट्रेनों का संचालन होगा।
भारत को दी जाएगी यात्रियों की जानकारी
भट्टाराई ने कहा कि भारत की सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए एसपीए को अंतिम रूप देने में इतना समय लगा। रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत को ट्रेन में सवार यात्रियों के बारे में सूचित किया जाएगा। जारी किए गए टिकटों के आधार पर, हमें उन यात्रियों का विवरण भारत को देना होगा, जो भारत की यात्रा कर रहे हैं।




