नई दिल्ली (एजेंसी)। त्योहारों से पहले खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें कम रखने के लिए सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। खाद्य तेलों की भंडारण सीमा तय करने के बाद बुधवार को पाम, सोया और सूरजमुखी के कच्चे तेल पर बेसिक सीमा शुल्क भी घटा दिया। इसके अलावा त्योहारी सीजन में आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए सितंबर में रिकॉर्ड आयात किया गया।
सरकार ने त्योहारों से पहले आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए खाद्य तेलों पर सीमाशुल्क घटाने का एलान किया है। इसके चलते पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के खाद्य तेलों के दाम 15 रुपये तक कम होंगे इसके अलावा कच्चे पाम, सोया व सूरजमुख तेलों पर कृषि बुनियादी ढांचा विकास उपकर (एआईडीसी) को भी कम किया गया है। यह अब कच्चे पाम तेल पर 7.5 फीसदी और सोयाबीन व सूरजमुखी के तेल पर 5 फीसदी होगा। अब तक खाद्य तेलों पर 20 फीसदी एआईडीसी और 2.5 फीसदी सीमा शुल्क लगता था।
खाद्य तेल संगठन एसईए ने बताया कि सितंबर में आयात 63 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 16.98 लाख टन पहुंच गया। यह किसी भी एक महीने में हुआ अब तक का सबसे ज्यादा आयात, जिसमें पाम तेल की रिकॉर्ड हिस्सेदारी है। इससे पहले सबसे ज्यादा खाद्य तेल का आयात अक्तूबर, 2015 में 16.51 लाख टन था। अखाद्य तेलों का आयात भी पिछले साल के 17,702 टन के मुकाबले करीब साढ़े तीन गुना बढ़कर 63,608 टन पहुंच गया। कुल तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी भी पिछले साल के 54 फीसदी से बढ़कर 63 फीसदी पहुंच गई है।

चौथी बार शुल्क में कटौती
सरकार ने खाद्य तेलों के दाम कम करने के लिए पिछले कुछ महीने में चौथी बार उत्पाद व सीमा शुल्क में कटौती की है। बुधवार को सेस और सीमा शुल्क में कटौती के बाद रिफाइंड पाम तेल के दाम 8-9 रुपये लीटर और सूरजमुखी व सोयाबीन तेल के दाम 12-15 रुपये लीटर तक नीचे आ जाएंगे। एसईए के कार्यकारी निदेशक ने कहा, अमूमन सरकार के आयात शुल्क में कटौती के बाद अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ जाती हैं। पिछले एक साल में घरेलू बाजार में खाद्य तेल 46.15 फीसदी महंगा हो चुका है। देश में कुल खाद्य तेल की खपत का 60 फीसदी आयात करना पड़ता है।




