रायपुर (एजेंसी)। छत्तीसगढ़ में राज्य कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 5त्न वृद्धि का एलान किया है। हालांकि, कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ते को 12 से बढ़ाकर 28 फीसदी भत्ते की मांग कर रहे हैं। अब 5 फीसदी बढ़ोतरी के बाद कुल महंगाई भत्ता 17 फीसदी हो जाएगा। सरकार का दावा है कि इस फैसले से प्रदेश के 4 लाख से अधिक कर्मचारियों और एक लाख 25 हजार पेंशनरों को फायदा होगा। महंगाई भत्ते में वृद्धि से सरकार को 1 हजार 20 करोड़ का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा।
इससे पहले शनिवार रात छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री निवास पहुंचा था। बातचीत के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने महंगाई भत्ते को बढ़ाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के बकाया एरियर्स की मांग का परीक्षण कराकर शीघ्र निर्णय लेने का भरोसा दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी उपस्थित थे।

सरकार ने वित्तीय संकटों का हवाला दिया
कर्मचारी संगठनों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के व्यापक संक्रमण के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इससे देश और प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। बीते डेढ़ वर्षों में राजस्व संग्रहण में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई। इस बीच आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों, किसानों, मजदूरों एवं अन्य प्रभावित वर्गों को आर्थिक सहायता, कोरोना के उपचार हेतु स्वास्थ्य ढांचा बढ़ाने आदि को प्राथमिकता दी गई। इन सबके कारण राज्य के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव रहा है।

दो दिन पहले ही की थी बड़ी हड़ताल
इससे पहले कर्मचारी संगठनों ने शुक्रवार को महंगाई भत्ते और बकाया वेतन को लेकर बड़ी हड़ताल की थी। प्रदेश के सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। इस वजह से कोई भी सरकारी कार्यालय ढंग से संचालित नहीं हो पाया। मंत्रालय और संचालनालय में भी हड़ताल का असर रहा। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। कर्मचारियों का कहना था कि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकाल की हड़ताल शुरू हो जाएगी। प्रदेश भर में अभी बिजली कंपनी के कर्मचारियों को ही 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। शेष सभी के लिए 12 प्रतिशत महंगाई भत्ते का नियम लागू है।