मथुरा (एजेंसी)। कोरोना संकट काल में मथुरा से एक ऐसी स्याह तस्वीर सामने आई है, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। एक मां अपने कोरोना संक्रमित बेटे के शव के पास बैठी घंटों बिलखती रही, लेकिन मदद के नाम पर किसी ने भी हाथ नहीं बढ़ाए। धन के अभाव में पूरा उपचार न करा पाने के चलते एक युवक की घर के पलंग पर मौत हो गई। बेटे के जाने के गम में मां और बहन पूरे दिन शव के पास बैठी बिलखती रहीं। कृष्णानगर स्थित बैंक कॉलोनी में 42 वर्षीय युवक एक मकान में किराए पर रहता था। युवक पास की दुकान पर काम करता था। 19 अप्रैल को तबीयत बिगडऩे पर जिला अस्पताल में कोरोना जांच कराई गई लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उसका उपचार शुरू करने की बजाय उसे घर जाने की बोल दिया। पड़ोस के लोगों ने आर्थिक सहयोग कर निजी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया।
इस दौरान धन की कमी के कारण उसके उपचार में बाधा उत्पन्न हो गई। मृतक की मां असमर्थता के बाद युवक को घर ले आई, जहां गुरुवार की सुबह युवक की मौत हो गई। सुबह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट आई तो युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। घर में मां और बेटे अकेले थे। बुजुर्ग मां बेटे को लेकर रोती रही।
सिर्फ बहन पहुंची, अन्य रिश्तेदार नहीं आए
कोई रिश्तेदार और शुभचिंतक घर पर कोरोना के डर से नहीं आया। सिर्फ बहन ही घर पहुंची। अकेली मां और बहन पलंग पर पड़े शव के पास बिलखतीं रहीं। कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन भी किए, लेकिन शाम तीन बजे तक मृतक के घर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची। तभी किसी प्रभावशाली के फोन के बाद एंबुलेंस पहुंची, तब शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।





