नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारियां दीं। इस मौके पर आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि भारत में दोबारा संक्रमण के कुछ मामले सामने आए हैं। डॉ. भार्गव ने बताया कि इनमें से दो मुंबई में और एक अहमदाबाद में सामने आया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 24 ऐसे मामले हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस वार्ता में बताया कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 62 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में लगातार पांचवें दिन कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या नौ लाख से कम रही है। राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोविड-19 की सकारात्मकता दर (पॉजिटिविटी रेट) लगातार नीचे की ओर जा रही है। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना संक्रमण की संचयी सकारात्मकता दर 8.07 फीसदी है। साप्ताहिक रूप से यह दर 6.24 फीसदी है और दैनिक रूप से यह दर 5.16 फीसदी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि देश के कुल कोरोना मामलों में करीब 87 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के 11.69 फीसदी सक्रिय मामले ऐसे हैं जो या तो अस्पतालों में हैं या घर में ही आइसोलेट (पृथकवास) हैं। इसके अलावा 1.53 फीसदी मामले मौत के हैं।
राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामले 11.69 फीसदी हैं। कुल सक्रिय मामलों में से 11 फीसदी केरल में, 25 फीसदी महाराष्ट्र में और 13 फीसदी मामले कर्नाटक में हैं। उन्होंने कहा कि हम इन राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं कि किस तरीके से यहां कोविड-19 के मामलों में कमी लाई जाए। उन्होंने कहा कि 10 राज्य ऐसे हैं जिनमें कुल मामलों के 79 फीसदी मामले हैं। दो हफ्ते पहले तक केरल 10 राज्यों में भी नहीं था अब वह तीसरे नंबर पर है। नौ से 15 सितंबर तक देखें तो देश में हर दिन 92 हजार नए मामले सामने आ रहे थे। सात अक्तूबर से 13 अक्तूबर के बीच प्रतिदिन 70,114 नए मामले सामने आए हैं।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव में स्थायित्व आ रहा है। हमें अपनी साफ-सफाई को लेकर अधिक सावधान रहना होगा उन्होंने कहा कि क्योंकि यह एक श्वसन वायरस (रेस्पिरेटरी वायरस) है और अधिकांश श्वसन वायरस सर्दियों के दौरान बढ़ जाते हैं। व्यवहार परिवर्तन आवश्यक है, मास्क अनिवार्य है। डॉ. पॉल ने फेस मास्क से जुड़ी शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि थ्री-प्लाई मास्क और घर पर बनाए गए मास्क कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने में मददगार हैं। एन-95 मास्क अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए फायदेमंद हैं। वहीं, सर्जिकल मास्क रोजमर्रा के इस्तेमाल में प्रभावी हैं।