भिलाई। केन्द्र सरकार द्वारा किसान संबंधी लाए गए तीन विधेयकों का पूरा विपक्ष विरोध कर रहा है। इन विधेयकों में कई तथ्यों को शामिल नहीं किए जाने व कार्पोरेट घरानोंं का फायदा पहुंचाने की बाते कही जा रही हैं। दुर्ग जिले के युवा कांग्रेस नेता अमित चंद्राकर ने बयान जारी केन्द्र सरकार के इन विधेयकों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के पूर्ण बहुमत होने के बाद भी किसान संबंधी विधेयकों में न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर कानून नहीं बनना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेता अमित चंद्राकर ने कहा है कि केन्द्र सरकार के पास 350 सांसदों का समर्थन है उसके बाद भी अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून नहीं बना सके तो क्या फायदा आपके इतने सांसदो का। उन्होंने कहा कि एक कार्पोरेट के दबाव में आकर यह विधेयक लाया गया है। केन्द्र की भाजपा सरकार अब तक की सबसे कमजोर सरकार है। यह जो भी सारा खेल हुआ है वह सबकुछ कार्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही हुआ है।
अमित चंद्राकर ने कहा है कि किसान अपनी फ़सल को ज्यादा समय तक रोक नही सकता किसान को फसल के बाद तुरंत पैसे की जरूरत पड़ती है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने निजी हाथों को मौका दिया जिससे के वे अपनी मनमर्जी से फसल का रेट तय कर खरीद सके। इस विधेयक का दूसरा पहलू यह भी है कि इसके बहाने कार्पोरेट घरानों को जमाखोरी करने का अधिकार दे दिया है। सारा कानून प्लानिंग और कुछ बड़े घरानों के दबाव में किया है। अमित चंद्राकर ने कहा कि किसी को कोई ऐतराज नहीं यदि निजी कंपनियां क्षेत्र कृषि में आए, लेकिन केन्द्र ने समर्थन मूल्य को कानून नहीं बनाया उसी से उनकी नीयत और नीति स्पष्ट हो गई। केन्द्र सरकार देश के लिए नही चुनिंदा बड़े व्यपारियो के लिए एजेंट की तरह काम कर रही है।