दुर्ग। सीटी स्कैन करने वाली संस्थाओं के प्रबंधकों की महत्वपूर्ण बैठक आज ली गई। बैठक में अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने प्रबंधकों को निर्देशित किया कि कोई व्यक्ति बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अथवा रिफरल के यदि सीटी स्कैन कराने आता है तो उसका सीटी स्कैन नहीं किया जाए। सेंटर में जितनी जांच की जाती है उसका ब्योरा हर दिन शाम पांच बजे तक प्रशासन को दें। जांच के डिटेल जैसे संक्रमण की स्थिति कैसी है, इन सबकी जानकारी दें।
बैठक में पंचभाई ने कहा कि इसके लिए फार्मेट तैयार किया गया है। इसके साथ ही बीते पंद्रह दिनों में किये गए सीटी स्कैन के डिटेल्स की जानकारी भी दें। उन्होंने कहा कि कोविड के चिन्हांकन के लिए केवल तीन तरीके हैं आरटीपीसीआर, एंटीजन टेस्ट, ट्रूनाट। सीटी स्कैन केवल प्राग्नोसिस है डायग्नोसिस नहीं। इस संबंध में सेंटर में भी डिस्प्ले किया जाए। उन्होंने कहा कि सेंटर में सैनेटाइजेशन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। प्रवेश द्वार और निकास दोनों अलग-अलग होने चाहिए। प्रबंधकों ने बताया कि टेस्ट के दौरान पीपीई किट एवं अन्य सावधानियां बरती जाती हैं। नीचे पालिथीन शीट लगाई जाती है। सीएमएचओ डा. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम इस संबंध में मानिटरिंग करेगी।
डिप्टी कलेक्टर प्रियंका वर्मा ने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए प्रशासन ने शुल्क निर्धारित किया है। संस्थान निर्धारित शुल्क ही लें। उन्होंने कहा कि आपके द्वारा निर्धारित फार्मेट में जो जानकारी भेजी जाएगी, उसकी रोज समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड को रोकने में टेस्टिंग और निर्धारित तरीके से इलाज की जरूरत है। लोग टेस्टिंग की प्रक्रिया से गुजरेंगे तो तुरंत इलाज शुरू हो जाएगा। यह इलाज कोविड के लिए निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सीटी स्कैन संचालकों की भी अहम भूमिका है। उनसे सूचनाओं का जितना तीव्र आदान-प्रदान होगा, उतना ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने में प्रशासन को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सूचनाओं का लगातार फालोअप किया जाएगा।