पटना (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बिहार को तीन पेट्रोलियम परियोजनाओं की सौगात दी। इस परियोजना में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का दुर्गापुर बांका खंड सहित दो एलपीजी बॉटलिंग प्लांट शामिल हैं। उन्होंने 17 फरवरी 2019 को इन पाइपलाइन का शिलान्यास किया था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे ऊपर कहीं न कहीं बिहार का कर्ज है। उन्होंने बिहार को ऊर्जा का पावरहाउस करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए कहा कि इसका संक्रमण आज भी हमारे बीच मौजूद है। उन्होंने कहा जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि देश और बिहार में गैस आधारित व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इतना ही नहीं इन प्रोजेक्ट्स में जितने लोग पहले काम कर रहे हैं, वो तो वापस लौटे ही हैं, इनकी वजह से रोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। कोरोना संक्रमण अभी भी हमारे बीच में मौजूद है। जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। दो गज की दूरी। साबुन से हाथ की नियमित सफाई। यहां-वहां थूकने से मनाही। चेहरे पर मास्क। इन जरूरी बातों का हमें खुद भी पालन करना है और दूसरों को भी याद दिलाते रहना है।
पीएम ने कहा कोरोना के इस कालखंड में अब एक बार फिर पेट्रोलियम से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों ने गति पकड़ ली है। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनेकों परेशानियां लेकर आई है। लेकिन इन परेशानियों के बाद भी देश रुका नहीं है, बिहार रुका नहीं है, बिहार थमा नहीं है। बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी, ये भी जगजाहिर है। गांवों में दो-तीन घंटे बिजली आ गई तो भी बहुत माना जाता था। शहर में रहने वाले लोगों को भी 8-10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिलती थी। आज बिहार के गांवों में, शहरों में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हुई है।

पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं कहता हूं कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है, ऊर्जा केंद्र है तो ये कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बिहार के युवाओं की यहां की प्रतिभा का प्रभाव चारो तरफ है। भारत सरकार में भी बिहार के कितने बेटे-बेटियां हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं। जो समाज में हाशिए पर थे, पीडि़त थे, वंचित थे, पिछड़े थे, अतिपिछड़े थे, उन्हें कोई पूछता नहीं था। उनके दु:ख, उनकी तकलीफों को देखकर भी नजरअंदाज कर दिया जाता था। लेकिन बिहार में अब ये अवधारणा बदल चुकी है। एक समय था जब बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन होना बड़े संपन्न लोगों की निशानी होता था। एक-एक गैस कनेक्शन के लिए लोगों को सिफारिशें लगवानी पड़ती थीं। जिसके घर गैस होती थी, वो माना जाता था कि बहुत बड़े घर-परिवार से है। गैस कनेक्टिविटी से जहां एक तरफ फर्टिलाइजर, पावर और स्टील इंडस्ट्री की ऊर्जा बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ सीएनजी आधारित स्वच्छ यातायात और पाइप से सस्ती गैस आसानी से लोगों के किचन तक पहुंचेगी। इसी कड़ी में आज बिहार और झारखंड के अनेक जिलों में पाइप से सस्ती गैस देने की शुरुआत हुई है।




