तिरुअनंतपुरम (एजेंसी)। एक ट्रक को 1700 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक साल का समय लग गया। पिछले साल महाराष्ट्र के नासिक से 70 टन वजन वाले ऐरोस्पेस मशीन को लेकर चला 74 पहियों वाला वॉल्वो ट्रक अब जाकर केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचा है।
एरोस्पेस प्रॉडक्ट से जुड़े 70 टन वजनी मशीन को लेकर 19 जुलाई 2019 को नासिक से रवाना हुआ ट्रक अब जाकर तिरुवनंतपुरम पहुंचा है। 1700 किलोमीटर की दूरी एक साल में जाकर पूरी हुई। तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंचने में इस खास ट्रक को 4 राज्यों से होकर गुजरना पड़ा। इस ऑटोक्लेव का इस्तेमाल अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरणों को बनाने में होता है।
32 स्टाफ और एस्कॉर्ट के लिए पुलिस टीम
ट्रक में 32 स्टाफ के साथ ही पुलिस टीम भी इस मशीन को एस्कॉर्ट कर रही थी। इस खास ट्रक के लिए रास्ता बनाने के लिए कई जगहों पर गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत की गई। चौड़ाई के लिए पेड़ काटे गए और बिजली के खंभों को भी हटाया गया। यहीं नहीं जहां सड़क एकदम खराब थे वहां सड़कों का निर्माण भी किया गया।

एक दिन में 5 किलोमीटर की दूरी
स्टाफ ने बताया हम जुलाई, 2019 में महाराष्ट्र से चले थे। इतनी दूरी को पूरा करने में सामान्य तौर पर 5-6 दिन का समय लगता है। लेकिन ट्रक पर लदे 70 टन वजनी मशीन के कारण एक दिन में अधिकतम 5 किलोमीटर का सफर ही तय हो पाता था। कुछ तकनीकी कारणों और अधिक ऊंचाई की वजह से ऑटोक्लेव को ना तो पानी के जहाज से भेजा जा सका और न ही एयरलिफ्ट किया जा सका।




