जयपुर (एजेंसी)। राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर कई विधायक और मंत्री उनसे मिलने के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री आवास के पदाधिकारियों ने बताया है कि 95 विधायकों ने गहलोत को समर्थन का पत्र दिया है, जो पार्टी में एकजुटता को दिखाती है।
200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं और अन्य 18 विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है, जिसको मिलाकर पार्टी के पास कुल 125 विधायकों का समर्थन है। भाजपा के 72 विधायक हैं और हनुमान बेनीवाल की आरएसएलपी के तीन विधायकों का समर्थन भी उनके पास है। 19 जून को राज्यसभा चुनाव में दो कांग्रेस उम्मीदवारों को सरकार का समर्थन करने वाले सभी 125 विधायकों के वोट मिले थे।
जयपुर में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, श्रम मंत्री टीकाराम जूली, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, प्रमोद जैन, सुभाष गर्ग और विधायकों सहित कई मंत्री सीएम आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।
सरकार के एक करीबी ने बताया है कि मंत्री और विधायक सीएम से मिल रहे हैं। पार्टी के अधिकांश विधायक और निर्दलीय विधायक कल से ही सीएम से मिल चुके हैं। 107 में से लगभग 95 विधायकों ने पार्टी और नेतृत्व को लिखित में अपना समर्थन दिया है। निर्दलीय विधायक बाबू लाल नागर ने कहा कि हम सभी को सीएम के नेतृत्व में विश्वास है और विश्वास व्यक्त करने के लिए मिल रहे हैं। विधायकों को भी गहलोत के नेतृत्व पर भरोसा है।
नागर ने कहा कि राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने उन्हें भी नोटिस दिया है। एसओजी इस संबंध में बयान दर्ज करने के लिए सीएम, डिप्टी सीएम और मुख्य सचेतक को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।
एसओजी ने दो मोबाइल नंबरों के इंटरसेप्शन के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर राज्य सरकार को गिराने के प्रयासों के संबंध में शुक्रवार को एक एफआईआर दर्ज की थी। सूत्रों ने दावा किया कि एसओजी ने सभी निर्दलीय विधायकों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने को कहा है।
इस बीच, कांग्रेस सरकार ने खुद को तीन निर्दलीय विधायकों- खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला और सुरेश टाक, जिनके नाम भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा पंजीकृत प्रारंभिक जांच (पीई) में है। उन पर भाजपा की ओर से अन्य विधायकों को पैसे देने के मामले में आरोपी बनाया गया है। कांग्रेस नेता का कहना है कि सरकार अब उन्हें समर्थक नहीं मानती है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपनी सरकार को गिराने की कोशिश के भाजपा नेतृत्व को दोषी ठहराए जाने के बाद शनिवार से राजनीतिक संकट शुरू हुआ था। भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया था।
राजनीतिक संकट के बीच CM गहलोत ने विधायकों और मंत्रियों से की मुलाकात, कई MLAs बोले-सरकार को नहीं कोई खतरा




