भिलाई। दो छात्रों ने ऑटोमैटिक सैनिटाइजर डिस्पेंसिंग मशीन बनाई है। यह मशीन बाजार में उपलब्ध अन्य मशीनों की तुलना में 40 से 60 फीसद तक सस्ती है। मशीन को पूरी तरह से कांटैक्टलैस सैनिटाइजिंग कन्सेप्ट पर बनाया गया है। इन छात्रों ने चार मशीनें सार्वजनिक संस्थानों को दान में दी हैं।
एनआइईएम मुम्बई के छात्र मुदित कन्दुकुरी एवं आइएचएम मुम्बई के छात्र अभिषेक दास ने यह मशीन तैयार की है। दोनों केपीएस के पूर्व छात्र हैं। एमके टेक्नोलॉजीज के नाम से उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया है। मेटल बाक्स होने के कारण यह न केवल मजबूत है बल्कि सीजन प्रूफ भी है। गणेश मंदिर हुडको, सेक्टर-9 अस्पताल, बालाजी मंदिर सेक्टर-5 और साईं मंदिर सेक्टर-6 को एक एक मशीन दान दी गई है।

मुदित और अभिषेक ने बताया कि कोरोना काल में अपना योगदान देकर वे खुश हैं। सैनिटाइजिंग में सबसे बड़ी दिक्कत सैनीटाइजर डिस्पेंसर को कांटेक्ट लैस रखना होता है। बाजार में उपलब्ध मशीनें काफी महंगी हैं। इसके अलावा लगभग सभी मशीनें सैनेटाइजर वेस्ट करती हैं। हमने हाईएण्ड नोजल का उपयोग किया है जिससे सैनीटाइजर मिस्ट के रूप में आता है और वेस्ट नहीं होता।
