भोपाल। लंबी प्रतीक्षा के बाद गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट का विस्तार तो हो गया। आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रियों को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई। आज विस्तार किए गए शिवराज की कैबिनेट के 11 सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। वे सीएम से ज्यादा सिंधिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं। इसलिए प्रदेश में राजकाज चलाने के लिए उन्हें सिंधिया को लगातार साध कर रखना होगा। नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है।
शपथ लेने वालों में गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एंदल सिंह कंसाना और बृजेंद्र प्रताप सिंह कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, प्रेम सिंह पटेल, हरदीप सिंह डंग, महेंद्र सिंह सिसोदिया, अरविंद सिंह भदौरिया, डॉ. मोहन यादव और राज्यवर्धन सिंह ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद भारत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामखिलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
पुराने नेताओं को नहीं मिली जगह
शिवराज लाख कोशिशों के बावजूद रामपाल सिंह और गौरीशंकर बिसेन जैसे अपने पसंदीदा नेताओं को मंत्री नहीं बना सके। इससे पहले उनकी कैबिनेट का हिस्सा रहे कई सदस्यों को इस बार मंत्री पद से दूर रहना पड़ा है। कहा जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान ने नए चेहरों को मौका देने के लिए शिवराज के पसंदीदा नामों पर कैंची चला दी। शिवराज अपने पसंदीदा पुराने बीजेपी नेताओं को तो मंत्री नहीं ही बना सके, नए चेहरों में भी उनके पसंदीदा लोग कम ही हैं। कई ऐसे लोग पहली बार मंत्री बने हैं, जो शिवराज के लिए मुसीबत बन सकते हैं।
