नई दिल्ली(एजेंसी)। पीएम नरेंद्र मोदी रविवार 31 मई को रेडियो पर ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित करेंगे। कल ही लॉकडाउन का चौथा चरण भी खत्म हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी ‘मन की बात’ के जरिए बता सकते हैं कि 1 जून से देश में लॉकडाउन होगा या नहीं और होगा तो उसका स्वरूप क्या होगा।
लॉकडाउन 5.0 में देश के सामने दोहरी चुनौती होगी। एक तरफ आर्थिक गतिविधियों में छूट के जरिए अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की कोशिश होगी तो दूसरी तरफ तेजी से फैल रहे संक्रमण को भी काबू करना है। शनिवार को देश में रिकॉर्ड संख्या में कोरोना मरीज मिले हैं। मौतों का आंकड़ा भी अब तक का सर्वाधिक रहा है। हालांकि, 11 हजार से अधिक मरीजों के ठीक होने के साथ रिकवरी दर 47 पर्सेंट से अधिक हो गई है।
इससे पहले 26 अप्रैल को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कहा था कि कोरोना वायरस से लडऩे के लिए हमें मास्क और पब्लिक हाईजीन को हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा। पीएम मोदी के पिछले ‘मन की बात’ कार्यक्रम को एक महीने से अधिक का वक्त हो चुका है। इस बीच देश में लॉकडाउन में काफी छूट दी जा चुकी है। पीएम मोदी ने इससे पहले देश को संबोधित करते हुए कहा था कि लोगों की जिंदगी बचाने के साथ आर्थिक गतिविधियों को भी प्राथमिकता देनी होगी।
मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा की थी। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कृषि, एमएसएमई, रक्षा, एनबीएफसी जैसे सेक्टर्स में रिफॉम्र्स की घोषणा की गई है। पीएम मोदी ऐसे समय में देश को संबोधित करने जा रहे हैं, जबकि शनिवार को ही उनकी सरकार ने दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा किया है। कल से मोदी सरकार के शासन का सातवां साल भी शुरू हो रहा है।
पीएम ने अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को समाप्त करने, राम मंदिर मुद्दे के समाधान, एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाने और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले साल की प्रमुख उपलब्धियों के रूप में गिनाया और कहा कि ऐसे निर्णयों ने भारत की विकास यात्रा को नई गति, नए लक्ष्य दिए और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।
प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर देशवासियों के नाम खुले पत्र में मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 में देश की जनता ने केवल सरकार को जारी रखने के लिये ही वोट नहीं दिया बल्कि जनादेश देश के बड़े सपनों और आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान है। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए और इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।