गुरूर। शासन व्दारा निर्देश के बाद प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन के बदले सूखा राशन देने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। शिक्षक ही घर-घर पहुंचकर बच्चों को मिड-डे-मील के सूखे पैकेट का वितरण कर रहे है। गुरूर विकासखंड में माध्यमिक शाला के 5635 एवं प्राथमिक शाला के 8123 बच्चो को सूखा राशन प्रदान किया जा रहा है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी यूएस नागवंशी ने बताया कि माध्यमिक शाला के बच्चो को 6 किग्रा चॉवल, 1200 ग्राम दाल एवं प्राथमिक शाला के बच्चो को 4 किग्रा चॉवल व 800 ग्राम दाल प्रदान किया जा रहा है। शासन के निर्देश के बाद लॉकडाउन के बीच ही प्रधानपाठक सहित शिक्षकों व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से बच्चों के घर जाकर राशन बांटकर पालकों का हस्ताक्षर भी ले रहे है। ग्राम छेडिय़ा में माध्यमिक शाला के बच्चो को प्रधान पाठक कृष्णाकुमार ठाकुर, सरपंच जया साहू, शिक्षक सुशीला कुर्रे, राजकुमार पांण्डेय, पंच कुलेश्वरी साहू ने घर-घर जाकर बच्चों को राशन वितरण किया। ग्राम छेडिय़ा, भरदा, धनोरा, अरमरीकला, मोहारा, सनौद सहित अन्य ग्रामों खाद्य सामग्री वितरण के दौरान एक मीटर की सामाजिक दूरी व हाथ को सैनिटाइजर कर राशन का वितरण किया गया। बता दे कि स्कूली बच्चो को पौष्टिक खाना बंद होने के कारण शासन ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के छात्र-छात्राओं को अगले 40 दिनों के लिए मध्याह-भोजन के बदले सूखा अनाज यानी चावल-दाल देने का आदेश दिया है इसके आधार पर गुरूर विकासखंड में पूरी सावधानी बरतते हुए शिक्षको व्दारा बच्चों के घर जाकर राशन वितरण किया जा रहा है।
कोरोना वायरस को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद करा दिया है जिसके कारण बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा है जिसको देखते हुए बच्चों को सूखा खाद्यन बांटने का निर्णय लिया गया है। शासन ने पहले स्कूली बच्चों को 40 दिन का सूखा अनाज स्कूलों में बांटने का आदेश जारी किया था लेकिन स्कूलों में पालकों की भीड़ एकत्रित ना हो इसे देखते हुए घर-घर मिड-डे-मील पहुंचाने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने संकुलवार वितरण की जिम्मेदारी प्रधान पाठको व शिक्षकों को दी है।
बीईओ यूएस नागवंशी ने बताया कि संकुलवार राशन वितरण के बाद पूरी रिपोर्ट डीईओ को भेजी जाएगी। स्कूल में बच्चों के लिए मेनू निर्धारित है, निर्धारित मेनू के मुताबिक ही बच्चों को भोजन मिलता है लेकिन इस बार बच्चों को सूखा राशन मिलेगा। बीईओ यूएस नागवंशी ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय छग द्वारा जारी आदेश के अनुसार कोरोना के चलते स्कूलों में अवकाश के दिनों में मध्यांह भोजन के बदले छात्र-छात्राओं को 40 दिनों का सूखा अनाज यानी चावल-दाल वितरण किया जा रहा है इसके लिए एक दिन पहले ही सभी ग्रामों मे मुनादी कराकर पालकों को इसकी जानकारी दी गई थी।