रायपुर। छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो रही है और इससे पहले सरकार ने सीमावर्ती जिलों की चौकसी बढ़ा दी है। इसके बावजूद अवैध परिवहन के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। सीमावर्ती चेकपोस्ट पर अवैध परिवहन के साथ ही जिलों में अवैध भंडारण का भी खुलासा हो रहा है। सीमाओं पर चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं और निगरानी के लिए राजस्व, पुलिस, मंडी और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम तैनात की गई हैं।
इस बीच चिल्फी घाटी में संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए दो ट्रक में भरे कुल 647 क्विंटल अवैध धान को जब्त किया। नायब तहसीलदार ऋतु श्रीवास ने बताया कि जांच के दौरान ट्रक को रोककर पूछताछ की गई। वाहन चालकों ने बताया कि धान उत्तर प्रदेश से लाया जा रहा था, लेकिन वे इस संबंध में कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। संयुक्त टीम द्वारा धान को जब्त कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देश पर जिले में धान खरीदी के दौरान निगरानी और सघन जांच अभियान लगातार जारी रहेगा, ताकि जिले में अवैध धान परिवहन को रोका जा सके।
महासमुंद जिले में कुल 452 कट्टा धान जब्त
महासमुंद जिले में अलग-अलग कार्रवाइयों में कुल 452 कट्टा धान जब्त किया गया। मंडी सचिव महासमुंद के नेतृत्व में गठित निरीक्षण टीम ने दो प्रतिष्ठानों से कुल 152 कट्टा धान जब्त किया। निरीक्षण के दौरान लाफिंग खुर्द स्थित श्री भारत भूषण साहू के प्रतिष्ठान में 50 कट्टा तथा ग्राम बम्हनी में श्री खिलावन यादव के प्रतिष्ठान से 102 कट्टा धान अवैध रूप से संग्रहित पाया गया। दोनों ही मामलों में प्रकरण तैयार कर संबंधित विभाग को अग्रिम कार्यवाही हेतु रिपोर्ट भेजी गई है।


इसी प्रकार राजस्व, खाद्य एवं मंडी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा सरायपाली अंतर्गत केंदुवा-सागरपाली मेन रोड पर आकस्मिक निरीक्षण के दौरान एक पिकअप वाहन से 60 कट्टा (लगभग 24 क्विंटल) धान अवैध परिवहन करते हुए जब्त किया गया, जिस पर मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त ग्राम बकमा स्थित शेखर ट्रेडर्स से 240 कट्टा अवैध धान जप्त कर मंडी के सुपुर्द किया गया।
जिला प्रशासन ने कहा है कि जिले में धान के अवैध परिवहन एवं संग्रहण के मामले में जांच-पड़ताल का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। धान के अवैध परिवहन, संग्रहण और विक्रय के मामले में संलिप्त लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा धान उपार्जन के दौरान खरीदी केन्द्रों में निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। अवैध रूप से धान विक्रय का मामला पकड़ में आने पर दोषियों को सीधे जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।




