दुर्ग। केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) दुर्ग के तत्वावधान में सोमवार को “भारतीय स्वतंत्रता की वीर गाथा एवं विभाजन विभीषिका” विषय पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों के अद्वितीय योगदान के साथ 1947 के भारत विभाजन की ऐतिहासिक पीड़ा को दुर्लभ फोटोग्राफ, प्रमाणिक दस्तावेज़ और चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
प्रदर्शनी में ठाकुर प्यारेलाल, वीर नारायण सिंह, रामदयालु सिंह, ठाकुर नंदकुमार दानी, दुर्गा सिंह सिरमौर, शिवदास दादा, सरदार दिलीप सिंह, रामाधीन गोंड, धनीराम वर्मा, नारायण राव अंबिलकर और महंत लक्ष्मी नारायण सहित कई महान स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन व योगदान को विस्तार से दर्शाया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मंच संचालन कर रहे डॉ. अजय आर्य ने देशप्रेम पर प्रेरक पंक्तियां उद्धृत कीं। सहायक निदेशक, सीबीसी दुर्ग, सुदीप्त कर ने पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों का स्वागत किया और कहा, “छत्तीसगढ़ प्रदेश भी आपका घर है, और यह देश भी हमारा घर है। जिस दिन हम देश को अपना घर मान लेंगे, उसी दिन देश की तस्वीर बदलने लगेगी।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, दुर्ग के प्राचार्य उमाशंकर मिश्रा ने की। उन्होंने कहा कि “लॉर्ड मैकाले ने हमारे मन में हीन भावना भरी थी। जब तक हम इससे मुक्त नहीं होंगे, हम देश का सशक्त निर्माण नहीं कर पाएंगे। हमारे प्रदेश के क्रांतिकारी पुरोधाओं से प्रेरणा लेकर ही नया इतिहास रचा जा सकता है।”
पहले दिन पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय दुर्ग, भिलाई महिला विद्यालय, नेशनल स्कूल और बीआरडी आदर्श कन्या विद्यालय के करीब 200 छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और स्वतंत्रता संग्राम व विभाजन की त्रासदी के बारे में जाना। प्रदर्शनी 14 अगस्त तक चलेगी, जिसमें क्विज़, तात्कालिक भाषण, रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। अंतिम दिन पुरस्कार वितरण के साथ इसका समापन होगा।