मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका परिषद को झटका लगा है। दरअसल जिला कलेक्टर ने नगर पालिका परिषद के उस निर्णय को निलंबित कर दिया है जिसमें उसने भारत पेट्रोलियम कंपनी की भूमिगत गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। इस मामले में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डी राहुल वेंकट द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए भारत पेट्रोलियम कंपनी की भूमिगत गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को राहत दे दी है।
मली जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को एमडीपीई माध्यम घनत्व पॉलीथिन पाइपलाइन डाया 32 एमएम, 63 एमएम, 90 एमएम व 125 एमएम के माध्यम से नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र में भूमिगत प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बिछाने की अनुमति 15 मार्च 2024 को दी गई थी। जिसमें कार्य पूर्ण करने की 6 माह की शर्त अधिरोपित की गई थी। निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण न होने पर अनुमति निरस्त मानी जानी थी, किंतु शर्तों के अनुसार भारत पेट्रोलियम द्वारा समयावधि बढ़ाने क लिए नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ को आवेदन प्रस्तुत किया गया था।

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड छत्तीसगढ़-1 गैस टेरिटोरी द्वारा क्रमशः 5 सितंबर 2024 और 7 जून 2025 को विस्तार के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए। जिस पर नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ की साधारण बैठक 12 जून 2025 में अतिरिक्त निर्णय क्रमांक 13(1) के तहत समयावधि विस्तार के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया। परंतु निर्णय में कोई कारण नहीं दर्शाया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा 7 जुलाई 2025 को बीपीसीएल को निर्णय की सूचना दी गई, जिसे लेकर कलेक्टर कार्यालय द्वारा 9 जुलाई को मांगी गई स्पष्टीकरण पर नगर पालिका ने अपने निर्णय पर स्थिर रहने का पत्र प्रस्तुत किया।

कलेक्टर कार्यालय द्वारा प्रस्तुत तथ्यों, दस्तावेजों और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पत्र दिनांक 4 जुलाई 2025 का अवलोकन करने पर यह तथ्य सामने आया कि यह परियोजना न केवल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले बल्कि आगे चलकर कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा एवं बलरामपुर तक विस्तारित होगी, जिससे इस परियोजना में वृहद जनहित निहित है। यह परियोजना भारत सरकार की एक राष्ट्रीय महत्व की योजना है, जिसे भारत पेट्रोलियम जैसा अर्धशासकीय लोक उपक्रम क्रियान्वित कर रहा है।
यह भी स्पष्ट किया गया कि नगर पालिका परिषद द्वारा जारी मूल अनुमति में ही शर्त संख्या 14 के तहत अवधि विस्तार हेतु आवेदन देने का प्रावधान था, जिसकी पूर्ति बीपीसीएल द्वारा समय रहते कर दी गई थी। फिर भी, परिषद द्वारा उसका निराकरण बिना किसी कारण के अस्वीकार करना न केवल प्रशासनिक रूप से अनुचित बल्कि वृहद जनहित की अवहेलना भी है। उपरोक्त समस्त तथ्यों और विश्लेषण के आधार पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ का निर्णय संकुचित दृष्टिकोण और “कारण रहित प्रस्ताव” पर आधारित है, जो राष्ट्रीय हित एवं जनसाधारण की सुविधा के विपरीत है।
इसे देखते हुए नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ की साधारण बैठक 12 जून 2025 के अतिरिक्त निर्णय क्रमांक 13(1) को छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 323(1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, छत्तीसगढ़-1 गैस टेरिटोरी, अंबिकापुर को निर्देशित किया गया है कि परियोजना कार्य के दौरान लोक सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए सभी सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने की स्थिति में वैधानिक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।