कबीरधाम। कबीरधाम जिला स्थित छग के ऐतिहासिक, पुरात्तव, पर्यटन व जन आस्था के केन्द्र बाबा भोरमदेव मंदिर परिसर से लेकर पुरातत्व महत्व के स्थल मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा व सरोदा जलाशय तक पर्यटन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा के प्रयास से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश योजना के तहत भोरमदेव कॉरिडोर निर्माण, एतिहासिक मंदिरों के सरंक्षण, संवर्धन व पर्यटन विकास के लिए 146 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। छत्तीसगढ़ पर्यटन, पुरात्तव विभाग व कबीरधाम जिला प्रशासन के साझा प्रयास से पर्यटन विकास की संभावना को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसे प्रोजेक्ट को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने छग पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा, पर्यटन विभाग के अधिकारियों, कलेक्टर व जनप्रतिनधियों के साथ विचार-विमर्श किया।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अधिकारियों व जनप्रतिनधियों के साथ भोरमदेव मंदिर परिसर में जमीन पर बैठकर स्वदेश योजना के तहत पर्यटन विकास पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेश योजना के पर्यटन विकास के मानचित्र में छग के कबीरधाम जिले को राष्ट्रीय पहचान मिलने वाली है। केन्द्र के नरेन्द्र मोदी की सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 अंतर्गत भोरमदेव मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण, संवर्धन और समग्र विकास के लिए 146 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है। स्वदेश योजना के तहत भोरमदेव कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिससे भोरमदेव मंदिर सहित आसपास के मंदिर व पर्यटन क्षेत्र कनेक्ट होंगे। पर्यटन मंडल के अधिकारियों द्वारा प्रारंभ स्थल से लेकर अंतिम स्थल तक की विस्तृत कार्य योजना की जानकारी प्रस्तुत की गई।

यह है प्रोजेक्ट
बैठक में बताया गया कि भोरमदेव मंदिर के इतिहास में पहली बार एक हजार वर्षों में वाटर ट्रीटमेंट की ऐतिहासिक पहल की गई है। अब इस पुरातात्विक और धार्मिक धरोहर को नया जीवन देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘भोरमदेव कॉरिडोर’ विकसित किया जा रहा है,जिसके अंतर्गत मुख्य मंदिर परिसर समेत क्षेत्र के अनेक ऐतिहासिक स्थलों का समग्र विकास किया जाएगा। भारत दर्शन योजना के तहत मुख्य मंदिर का भव्य रूप से विकास किया जाएगा, जिसमें 6 प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। इनमें नागद्वार, पार्क, संग्रहालय और अन्य प्रमुख स्थान पर विशेष द्वार स्थापित किए जाएंगे। पूरे मंदिर परिसर को एकीकृत स्वरूप देने के लिए परिधि दीवारों का संवर्धन किया जाएगा। इसके अलावा मड़वा महल, छेरकी महल का विकास किया जाएगा। दोनों स्थल पर प्रवेश द्वार, बाउंड्री वॉल की साज-सज्जा, बोरवेल से पेयजल व्यवस्था, शेड निर्माण, बिजली व ड्रेनेज, पौधरोपण की व्यवस्था की जाएगी। अब इन स्थल को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की पहचान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगी।
