नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बार फिर ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह भारत की अस्मिता का महत्वपूर्ण उदाहरण है। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में शानदार भूमिका निभाकर मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का सैन्य जवाब न केवल देश की सामरिक क्षमता का प्रमाण है। यह केंद्र की ओर से लागू किए गए नए रक्षा सिद्धांत को दर्शाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की अस्मिता, हमारे सशस्त्र बलों की भूमिका और निर्णायक नेतृत्व का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह देश का एक सराहनीय विकास है।

इससे पहले अपने ब्लॉग में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑपरेशन सिंदूर में पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति का सटीक उदाहरण है। पहलगाम में नरसंहार सिर्फ निर्दोष लोगों पर हमला नहीं था। यह भारत की अंतरात्मा पर हमला था। जवाब में भारत ने आतंकवाद-रोधी नियम पुस्तिका को फिर से लिखने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए शून्य-सहिष्णुता, कोई समझौता नहीं करने की नीति, पीएम मोदी के सिद्धांत की स्पष्ट अभिव्यक्ति है।

ब्लॉग में कहा गया कि पीएम मोदी ने तय किया कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने से लेकर आतंकी शिविरों पर सैन्य हमले करने तक हर कदम सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध और समयबद्ध हो। सरकार ने आवेग के बजाय रणनीति को चुना। इससे पाकिस्तान और आतंकी समूहों को भारत की प्रतिक्रिया का अनुमान लगाने से रोकने में मदद मिली। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को आश्चर्य, सटीकता और पूर्ण प्रभाव के साथ अंजाम दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर, जिससे दहल उठा पाकिस्तान
गौरतलब है कि 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।