राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में दम तोड़ रहे नक्सली आंदोलन को और एक और तगड़ा झटका लगा है। राजनांदगांव रेंज के अंतर्गत मानपुर मोहला अंबागढ़ जिले में आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी सदस्य व एलओएस डिप्टी कमाण्डर रूपेश मंडावी ने सरेंडर कर दिया। आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी क्षेत्र में कार्यरत माओवादी संगठन के नक्सली रूपेश मंडावी पर 5 लाख का इनाम रखा गया था। नक्सली ने जिले में चलाए जा रहे ऑपरेशन प्रयास से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया।
आईजी राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा के मार्गदर्शन व एसपी वायपी सिंह निर्देशन में जिले में चलाए जा रहे माओवादी उन्मुलन अभियान के तहत डीआरजी टीम एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल, आईटीबीपी तथा जिला पुलिस बल के द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रयासो से बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ शासन की नई पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण निति योजना से प्रभावित होकर आरकेबी डिविजन के कोतरी एरिया कमेटी सदस्य एलओएस डिप्टी कमाण्डर रूपेश मंडावी मंगलवार को पुलिस अधीक्षक जिला-मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

रूपेश मंडावी उर्फ सुखदेव पिता मनकेर मंडावी उम्र 34 वर्ष ग्राम मुंजाल (कोपाटोला) थाना मंदनवाड़ा जिला एमएमएसी, कोतरी एरिया कमेटी सदस्य एलओएस डिप्टी कमाण्डर जिले के थाना मदनवाड़ा, सीतागांव, औंधी, मानपुर, एवं जिला कांकेर के थाना गोंडातुर, पखांजुर तथा जिला नरायणपुर के माड़ क्षेत्र विजय रेड्डी (आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य) के साथ सक्रिय था।

रूपेश मंडावी ने नक्सली कमांडर कमलेश के सम्पर्क से भाकपा (माओवदी) संगठन में काम करना शुरू किया। सीएनएम के सांस्कृतिक गतिविधियों से प्रभावित होकर नक्सल संगठन में वर्ष 2012 भर्ती हुआ। 2012 से 2019 तक विजय रेड्डी (आरकेबी डिवीजन कमेटी सचिव एवं डीके एसजेडसी सदस्य) का गार्ड था । 2021 मार्च से एसीएम कोतरी एरिया कमेटी के पद पर प्रमोट हुआ । वर्ष 2023 डिप्टी कमांडर का प्रभार मिला। आत्म समर्पण होने तक कोतरी एरिया कमेटी सदस्य/एलओएस डिप्टी कमाण्डर के रूप में काम कर रहा था।
संगठन छोडने का कारण
छत्तीसगढ़ शासन की नई पुनर्वास नीति-2025 की व्यापक प्रचार-प्रसार पुनर्वास योजना के तहत लाभ एवं परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने की सोच लिये समाज के भटके माआवादियों ने संगठन में उनके कार्यो की उपेक्षा करना, भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं माओवादियों के द्वारा आदिवासियों पर किये जा अत्याचार से त्रस्त होकर उक्त माओवादी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।